उत्तराखंड
Big Breaking: द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट बंद, इस दिन होगा कौथिग…
देहरादून: उत्तराखंड में पंच केदारों में से विख्यात द्वितीय केदार भगवान श्री मद्महेश्वर धाम के कपाट शीतकाल के लिए आज सोमवार 22 नवंबर को प्रात: आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो गये। बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए गौंडार पहुंचेगी। रांसी, गिरीया होते हुए डोली 25 को ओंकारेश्वर ऊखीमठ मंदिर में छह माह की पूजा के लिए विराजमान हो जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुजारी शिव लिंग चपटा ने पूजा- अर्चना के बाद भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप देकर कपाट बंद किये। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने बताया कि इस अवसर पर श्री मद्महेश्वर डोली यात्रा प्रभारी पारेश्वर त्रिवेदी, समालिया मृत्यंजय हीरेमठ सहित गौडार ग्राम के श्रद्धालु, तहसील प्रशासन, वनविभाग के कर्मचारी मौजूद रहे। श्री मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली के स्वागत हेतु देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, पुजारीगण, देवानंद गैरोला, आर सी तिवारी, यदुवीर पुष्पवान, प्रेम सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण पहुंच रहे हैं।
बात दें कि देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के पश्चात भगवान मद्महेश्वर जी की चलविग्रह डोली आज 22 नवंबर को गौंडार, 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया प्रवास करेगी। वहीं 25 नवंबर को रुद्रप्रयाग जिले में द्वितीय केदार के आगमन को लेकर ओंकारेश्वर मंदिर का रंग-रोगन कर सजाया गया है। साथ ही तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेला भी 24 नवंबर से शुरू होगा। बाबा द्वितीय केदार के ओंकारेश्वर मंदिर आगमन पर 25 नवंबर को रुद्रप्रयाग जिले में डीएम द्वारा जिला स्तरीय अवकाश भी घोषित किया गया है।
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