टिहरी गढ़वाल
शाबाशः टिहरी के लाल का विदेश में कमाल, कनाडा में परोसेंगे पहाड़ का स्वाद, जानें इनके बारे में…
टिहरी गढ़वाल के होटल में कार्यरत शेफों ने अपने हाथों के हुनर के दम पर देश और विदेशों में अपना विशेष नाम कमाया है। उनके हाथों के बने हुए पकवानों को देश ही नहीं विदेशी भी बड़े चाव से खाते हैं।
टिहरी के पौड़ी खाल निवासी शेफ संजय सिंह चंद ने कनाडा में अपनी पट्टी (खास पट्टी) पैन इंडियन कुजीन की शुरुआत की है।
शेफ संजय सिंह चंद को अपनी मिट्टी से बहुत प्यार है जिस कारण उन्होंने गांव की पट्टी के नाम से खास पट्टी रेस्टोरेंट की शुरुआत की है। कनाडा में खास पट्टी रेस्टोरेंट अपने आप में सबसे खास और अनूठा रेस्टोरेंट है। जिसमें उत्तराखंडी व्यंजनों के साथ-साथ देश और विदेश के कई व्यंजन मिलते हैं। खास पट्टी (पेन इंडियन कुजीन) की वेबसाइट www.khaspatti.com में जाकर आप रेस्टोरेंट की तमाम जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि शेफ संजय सिंह चंद को अपने पहाड़ी होने पर गर्व है इसलिए उन्होंने अपनी कार पर भी गढ़वाली लिखा है। उनका अपनी देवभूमि की मिट्टी से प्यार ही उन्हें आज इस मुकाम तक लेकर आया है। रेस्टोरेंट के नाम से ही उनका अपने गांव के प्रति प्यार झलकता है। उन्होंने अपनी साइट में लिखा है कि खास पट्टी भारत के उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल जिले की देवप्रयाग तहसील में एक बड़ा इलाका है। “खास पट्टी” क्षेत्र प्राचीन काल से सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत में समृद्ध है और क्रांतिकारी आंदोलनों के लिए प्रसिद्ध है।
“खास पट्टी” अपने सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक संगठन, मेलों और त्योहारों के लिए भी प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र के बारे में एक और महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि यहां के हर दूसरे घर में उनके परिवार में कोई न कोई शेफ है जो या तो भारत के किसी होटल या रेस्तरां में काम करता है या किसी दूसरे देश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करता है। फिर भी इस जगह को हममें से बहुत से लोग नहीं पहचानते हैं।
हम इस रेस्तरां को इस क्षेत्र के उन सभी शेफ को समर्पित करना चाहते हैं जो लगातार दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं। इस समुदाय का हिस्सा होने और अपना प्रारंभिक बचपन “खास पट्टी” क्षेत्र में बिताने के कारण, हमने कुछ बड़ा करने का बीड़ा उठाया जो इस क्षेत्र के अन्य लोगों को खाद्य उद्योग में अपने जुनून का पालन करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगा।
आपको बता दें टिहरी गढ़वाल में घनसाली और जाखणीधार मूल के होटल में कार्यरत शेफ और अन्य कर्मी सबसे ज्यादा विदेशों में काम करते हैं। विदेशों में नागरिकता लेने के मामले में भी टिहरी गढ़वाल के यह क्षेत्र के लोग सबसे आगे हैं। हाथों के ये हुनर बाज (शेफ) आज पूरी दुनिया में अपने हाथों का जायका फैला रहे हैं।
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