उत्तराखंड
गर्व के पलः पहाड़ की बेटी ने रचा इतिहास, यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया झंडा…
पिथौरागढ़ः उत्तराखंड की बेटी ने एक बार फिर ये सिद्ध कर दिया है कि बेटियां बेटों से कम नहीं है। छोटे से गांव के गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली पहाड़ की बेटी शीतल राज ने दुनिया में प्रदेश का नाम रोशन किया है। शीतल ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस फतह कर इतिहास रच दिया है। एल्ब्रुस फतह पर तिरंगा फहराने वाली शीतल पहली महिला बन गई है। प्रदेश को शीतल पर गर्व है। उनकी इस कामयाबी से प्रदेश में खुशी की लहर है।
आपको बता दें कि कुमाऊं मंडल विकास निगम नैनीताल के एडवेंचर विंग में कार्यरत और पिथौरागढ़ निवासी शीतल ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा लहराकर आजादी का जश्न मनाया। यह चोटी रूस के जॉर्जिया बॉर्डर पर स्थित है और इसकी ऊंचाई 5642 मीटर है। क्लाइम्बिंग बियॉन्ड द समिट्स (सीबीटीएस) की ओर से आयोजित चार सदस्यों की टीम को 25 वर्षीय विख्यात युवा महिला पर्वतारोही शीतल लीड कर रही थीं। शीतल ने एवरेस्ट व कंचनजंगा और अन्नपूर्णा जैसे दुर्गम पर्वतों को फतह किया है। जनपद पिथौरागढ़ के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के ब्रांड एंबेसडर के रूप में शीतल ने पहले भी राज्य को कई बार गौरव की अनुभूति कराई है उन्हें तीलू रौतेली वीरांगना पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। शीतल के नाम सबसे कम उम्र में कंचनजंगा और अन्नपूर्णा फतह का रिकार्ड है।
आपको बता दें कि शीतल कोविड महामारी के कारण फ्लाइट रद्द होने के कारण टीम तीन दिन देरी से मास्को पहुंची थी। जहां 13 अगस्त को 3600 मीटर में अपना बेस कैंप बनाया। अगले दिन ही 14 अगस्त की रात को सम्मिट के लिए निकल गए। 15 अगस्त को दोपहर एक बजे एल्ब्रुस की चोटी पर तिरंगा लहराकर आजादी का जश्न मनाया। उनकी कामयाबी की खबर से प्रदेश में खुशी की लहर है। गांव में जश्न मनाया गया है। वहीं केएमवीएन के एमडी नरेंद्र सिंह भंडारी और महाप्रबंधक एपी बाजपेई ने शीतल के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए खुशी जाहिर की है।
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