उत्तराखंड
फैसला: स्कूल खुलेंगे तो होगी एक्स्ट्रा क्लास,ऐसा बन रहा विचार,जानिए नौनिहालों के लिए फैसला
देहरादून। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने समाज के हर तबके को पूरी तरह से प्रभावित किया है। आम इंसान से लेकर सरकारी मशीनरी तक को अपनी कार्यशैली में बदलाव करना पड़ रहा है।
जिससे कोरोना वायरस से पूरी मजबूती से लड़ा जा सके। इसके साथ ही छात्रों का पठन-पाठन प्रभावित ना हो और जो कोरोना काल में अध्ययन का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने के लिए शिक्षा महकमा कुछ नए स्टेप लेने जा रहा है।
जिसके तहत छात्रों की एक्सट्रा क्लास और छुट्टियों को कम करने पर विचार किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने न सिर्फ एक्सट्रा क्लास आयोजित करने का प्रारूप तैयार करना शुरू कर दिया है।
बल्कि, तमाम छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए स्थानीय स्तर पर मौजूद अध्यापकों के संयोग से गुरु-शिष्य की परंपरा को फिर से स्थापित करने के लिए कुछ स्थानों पर जहां संभव हो सकेगा, वहां छात्र-छात्राओं को सीधे अध्यापकों से फेस-टू-फेस पढ़ाई को आगे बढ़ाने के साथ ही छुट्टियों के समय में एक्सट्रा क्लासेस आयोजित कराने जा रहा है।
इतना ही नहीं शीतकालीन छुट्टियों को भी कम करने पर विचार किया जा रहा है।जिसके तहत सर्दियों की छुट्टी के दौरान भी बच्चों की एक्सट्रा क्लास लगवाई जाएगी।शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का मानना है कि कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले बोर्ड परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्रा हैं।ऐसे में उनके सामने एक बड़ी चुनौती है।
लिहाजा, जो परीक्षा मार्च-अप्रैल में हुआ करती थी। उन बोर्ड परीक्षाओं को अब अप्रैल अंत या मई के महीने में भी कराया जा सकता है।विभाग, बोर्ड परीक्षाओं के समय में भी बदलाव करने की रणनीति बना रहा है। जिससे बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम को बेहतर बनाया जा सके।
शिक्षा सचिव की मानें तो कोरोना संकट के बाद जैसे ही सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप स्कूल खोले जाएंगे तो उन तमाम विद्यालयों के बच्चे अभी कहां स्टैंड कर रहे हैं, उसका सबसे पहले आकलन किया जाएगा।फिर कोरोना काल के दौरान पढ़ाई के हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए बच्चों का एक्सट्रा क्लास के साथ ही छुट्टियों के दिनों में भी क्लास कराया जाएगा।
उम्मीद की जा रही है की शिक्षा विभाग की यह कोशिश आगामी बोर्ड परीक्षाओं में एक अच्छे रिजल्ट के तौर पर सामने आएगी। इससे ना सिर्फ शिक्षा विभाग राहत की सांस ले सकेगा, बल्कि वो तमाम छात्र-छात्राएं जो अलग-अलग सेक्टर में अपना भविष्य तलाश रहे हैं, उनका सपना भी साकार हो सकेगा।
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