उत्तराखंड
BIG BREAKING: इन दो महिलाओं ने लौटाया तीलू रौतेली अवार्ड, बताई ये बड़ी वजह…
देहरादूनः उत्तराखंड में हाल ही विवादों के बीच तीलू रौतेली अवॉर्ड से विशिष्ट कार्य कर मिसाल पेश करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया था। लेकिन अवॉर्ड मिलने के साथ ही अब अवॉर्ड वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है। महिलाओं ने सरकार पर रोजगार छिनने का आरोप लगाते हुए अवॉर्ड वापस कर दिया है । महिलाओं ने अवॉर्ड वापस करते हुए कहा है कि एक तरफ सरकार महिलाओं के उत्थान की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ उनका रोजगार छीन रही है।
बता दें कि विकासनगर और सहसपुर में महिला स्वयं सहायता समूह चलाने वाली गीता मौर्य और श्यामा देवी ने तीलू रौतेली अवॉर्ड सरकार को वापस कर दिया है। गीता मौर्य के महिला स्वयं सहायता समूह ने महिलाओं के उत्थान और रोजगार के क्षेत्र में काफी अच्छा काम किया था। इसीलिए उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 8 अगस्त 2020 सम्मानित किया था। वहीं श्यामा देवी को दो दिन पहले ही तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह महिला स्वयं सहायता समूह चलाती हैं। लेकिन इन दोनों को जिस काम के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन और सम्मान दिया गया है, वहीं काम उनसे छीना जा रहा है। महिला बाल विकास विभाग में टेक होम राशन की प्रक्रिया अब तक महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चलाई जाती थी, कुछ ही दिन पहले महिला बाल विकास विभाग ने टेक होम राशन के लिए ई-निविदा जारी की है, जिसमे कंपनियों को आमंत्रित किया गया है। टेक होम राशन की योजना को ठेके पर देने के बाद उत्तराखंड में चलने वाले सभी स्वयं सहायता समूह का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा और कई लोगों का रोजगार छिन जाएगा।
आपको बता दें कि महिला सशक्तीकरण व बाल विकास विभाग की ओर से हर वर्ष महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में दिया जाता है। इस बार समाज के तमाम क्षेत्रों में अपना योगदान देने वाली कुल 44 महिलाओं व युवतियों को स्टेट लेवल सम्मान के लिए चुना गया था। 22 महिलाओं को स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार से नवाजा गया, जबकि 22 आंगनबाड़ी वर्कर्स को स्पेशल स्टेट लेवल का अवार्ड इस बार दिया गया था।
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