उत्तराखंड
उत्तराखंड: अनाथ बच्चों को तीन हजार रुपये प्रतिमाह व 21 साल तक पढ़ाई का जिम्मा उठाएगी तीरथ सरकार…
देहरादून: उत्तराखंड कोरोना महामारी से जूझ रहा है। कई लोगों ने अपनों को खो दिया है। कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने परिवार के उन मुख्या को खो दिया जिनसे उनका घर परिवार चलता था। वहीं ऐसी स्थिति को मध्य नजर रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों या फिर घर के एकमात्र कमाने वाले की मौत होने वाले आश्रितों को बड़ी राहत दी है। उत्तराखंड सरकार ने ऐसे बच्चों को ₹3000 प्रति माह और 21 साल तक शिक्षा देने की जिम्मेदारी ली है। वहीं शनिवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐसे बच्चों के लिए सीएम वात्सल्य योजना का ऐलान किया।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बताया कि कोरोना महामारी में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिए हैं उन बच्चों को इस योजना के दायरे में लाया जाएगा। साथ ही राज्य की ऐसे अनाथ बच्चों की आयु 21 वर्ष होने तक उनके भरण-पोषण शिक्षा के साथ-साथ शिक्षा के साथ-साथ रोजगार से पूर्व प्रशिक्षण की व्यवस्था सरकार करेगी। वहीं उन्होंने बताया कि अनाथ बच्चों के पैतृक संपत्ति के नियम भी बनाए जाएंगे। जिसके तहत पैतृक संपत्ति के लिए बेचने का अधिकार किसी और को नहीं होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी जिला के जिला अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है।
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरी में भी 5% आरक्षण दिया जाएगा। साथ ही जिन परिवार में एकमात्र एक ब्यक्ति काम करने वाला था और कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया उन परिवारों को भी इसका लाभ दिया जाएगा।
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