उत्तराखंड
बिग ब्रेकिंग -आपदा पीड़ितों को भगवान भरोसे छोड़ कुर्सी बचाने दिल्ली गए सीएम
UT- हे भगवान कोई त्रिवेंद्र रावत को इन सलाहकारों से बचाए ! आपदा पीड़ितों की बजाए मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा चर्चा में : 16 17 जून 2013 में जब केदारनाथ में भीषण आपदा आई और हजारों लोग काल के गाल में समा गए तो उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा केदारनाथ आपदा पीड़ितों को बचाने की बजाय उनके दुख दर्द को दूर करने उन्हें राहत दिलाने का काम छोड़कर अगले दिन राहुल गांधी का जन्मदिन मनाने दिल्ली पहुंच गए थे विजय बहुगुणा के इस कदम प्रताप विपक्षी दल भाजपा ने जमकर बवाल काटा कि आखिरकार एक और लोग आपदा में मर रहे हैं और विजय बहुगुणा हाईकमान की जी हुजूरी करने दिल्ली जा रहे हैं विजय बहुगुणा की हरकत के कारण कुछ समय बाद उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया कल उत्तरकाशी में आई भीषण आपदा में एक दर्जन लोग मारे गए और इससे अधिक गायब हैं पहाड़ के 8 जिलों में आज भारी बारिश की आशंका को देखते हुए-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं कल की भीषण आपदा में मारे गए लोगों का अभी तक अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ है घायलों की वास्तविक संख्या भी किसी को मालूम नहीं नहीं इस आपदा में लापता लोगों के बारे में कुछ स्पष्ट हो पाया है 8 जिलों के जिलाधिकारियों ने आपदा से बचाव के लिए ही आज स्कूल कॉलेजों की छुट्टी का ऐलान किया है उत्तराखंड की जनता सोच रही थी कि आज उत्तरा खंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे और प्रभावितों से पीड़ितों से मुलाकात कर उनके दुख-दर्द ऊपर मरहम लगाने का काम करेंगे उन्हें राहत पहुंचाने का काम करेंगे किंतु पहाड़ के लोगों का दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाने की वजह दिल्ली का टिकट काट दिया और वे दिल्ली चले गए कुछ लोगों का कहना है कि वह एम्स में अरुण जेटली को मिलने गए हैं कुछ का कहना है कि प्रदेश में चल रही राजनीतिक घटनाक्रम के कारण उन्हें अचानक दिल्ली जाना पड़ा यह दोनों स्थितियां उत्तराखंड में आई भीषण आपदा से कहीं भी मेल नहीं खाती एक राजा का कर्तव्य होता है कि वह अपनी प्रजा के प्रति संवेदनशील हो गंभीर हो और उनके लिए दिन-रात एक करने वाला हो अरुण जेटली वेंटिलेटर पर हैं जाहिर है उनसे मुलाकात का कोई औचित्य नहीं जहां तक राजनीतिक उठापटक का सवाल है जब तक हाईकमान की नजर में त्रिवेंद्र सिंह रावत बेहतर काम करते नजर आएंगे तब तक उनकी कुर्सी को कोई खतरा नहीं हो सकता है कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरा करने की वजह इस प्रकार हाईकमान के चक्कर काटने से हाईकमान का मूड खराब हो जाए यह पहला अवसर नहीं जब त्रिवेंद्र सिंह रावत उनके सलाहकारों ने इस प्रकार की सलाह दी हो इससे पहले 6 अगस्त को टिहरी जनपद के कंगसाली में एक वाहन दुर्घटना में 10 मासूम बच्चे काल के गाल में समा गए तो मुख्यमंत्री को देहरादून से कंगसाली पहुंचने के लिए 11 अगस्त का इंतजार करना पड़ा। कुल मिलाकर दोनों बड़ी दुर्घटनाओं और आपदा के बीच मुख्यमंत्री का उत्तराखंड के भ्रमण की बजाए दिल्ली जाना उनकी राजनीतिक समझ पर भी सवाल खड़े करता है मुख्यमंत्री के आज के दिल्ली दौरे ने विजय बहुगुणा की उसी हरकत की याद जरूर दिला दी है जिसके कारण विजय बहुगुणा को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी ईश्वर करें हाईकमान का मूड सही रहे और वे त्रिवेंद्र सिंह रावत को आपदा प्रभावित क्षेत्र में दौरा करने को भेज दें
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
You must be logged in to post a comment Login