उत्तराखंड
“भिक्षा से शिक्षा की ओर” – देहरादून में जिला प्रशासन की अनूठी पहल, 82 बच्चों को नया जीवन…
देहरादून, 24 अक्तूबर । सड़क पर भिक्षा मांगते बच्चों का बचपन अब शिक्षा, योग और संगीत की ओर मुड़ रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल पर जिला प्रशासन देहरादून ने ‘‘भिक्षा से शिक्षा की ओर’’ अभियान के तहत एक आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर की स्थापना की है, जहाँ रेस्क्यू किए गए बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ योग, संगीत और खेल गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है।
डीएम सविन बंसल की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित ऋषिपर्णा सभागार में जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति, बाल कल्याण समिति और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की संयुक्त बैठक हुई।
दो चरणों में 82 बच्चों का हुआ रेस्क्यू
डीएम ने बताया कि अब तक दो चरणों में 82 बच्चों को रेस्क्यू कर स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है। पहले चरण में 51 और दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड व साधूराम इंटर कॉलेज में दाखिला मिला। इन बच्चों के पुनर्वास हेतु साधूराम इंटर कॉलेज में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर बनाया जा रहा है।
बालगृहों में बच्चों के लिए शिविर
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बालगृहों में रह रहे अनाथ बच्चों के आधार, निवास, राशन व आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के लिए शिविर लगाए जाएं। साथ ही पुलिस को बालगृहों में कार्यरत कर्मियों का थानेवार रैंडम सत्यापन करने के निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य विभाग को सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं में 10 दिनों के भीतर स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण कराने के निर्देश भी दिए गए।
निरंतर चल रहा रेस्क्यू अभियान
डीएम ने बताया कि शहर में भिक्षावृत्ति और बालश्रम में संलिप्त बच्चों को बचाने के लिए अंतरविभागीय टीम और तीन रेस्क्यू वाहन लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं। टीम में पुलिस, शिक्षा, श्रम विभाग, होमगार्ड और विभिन्न एनजीओ शामिल हैं।
समितियां होंगी सक्रिय
उन्होंने नगर निगम, नगर पालिका और ग्राम पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए। मिशन वात्सल्य गाइडलाइन के अंतर्गत मिलने वाले अनटाइड अनुदान का 5 प्रतिशत हिस्सा बच्चों के कल्याण पर खर्च करने को कहा गया।
136 बच्चे संरक्षण में, 138 मुक्त
पिछले तीन माह में 136 बच्चों को संरक्षण में लिया गया जबकि 138 बच्चों को मुक्त कराया गया। भिक्षावृत्ति में लिप्त 70 और बालश्रम में फंसे 14 बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अन्य राज्यों के 6 बच्चों को उनके परिवारों तक पहुँचाया गया।
डीएम बोले — “हर बच्चे को मिलेगा सम्मानजनक जीवन”
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से यह अभियान समाज में बड़ा बदलाव ला रहा है। “हमारा लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा सड़क पर न रहे, हर बच्चे को शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मानजनक जीवन मिले,” उन्होंने कहा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी के.के. मिश्रा, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, जिला पूर्ति अधिकारी के.के. अग्रवाल, जिला बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष नमिता ममगांई, पुलिस अधिकारी और विभिन्न एनजीओ प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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