उत्तरकाशी
दुख: न 108 का साथ, न डॉक्टर आया हाथ, तड़पती प्रसव पीड़िता माँ का नवजात ने छोड़ा साथ…
उत्तरकाशी: जिला उत्तरकाशी के मोरी विकास खंड के सुदूरवर्ती गांव गंगाड़ से दिल दहला देनी वाली खबर सामने आई है। एक ऐसी खबर जिसने उत्तराखंड के स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए हैं। आखिर उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं कब सुधरेंगी? कब तक सुदूरवर्ती क्षेत्रों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल पायेगा… आखिर कब तक..?
खबर उत्तरकाशी के मोरी विकासखंड के गंगाड़ गांव की है। जहाँ एक माँ ने अपने नवजात बच्चे को खो दिया। ऐसा क्यों? क्योंकि बदहाल स्वाथ्य सेवाओं की भेंट एक और नवजात चढ़ गया। उत्तरकाशी जिले के मोरी विकास खंड के सुदूरवर्ती गांव गंगाड़ की प्रियंका प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। गंगाड़ गांव सुदूरवर्ती क्षेत्र है, ओर आज भी वहां पर सड़क नहीं है। सड़क न होने के कारण ग्रामीणों ने कई किलोमीटर तक प्रियंका को अपने कंधों पर मोटर मार्ग तालुका तक पहुंचाया। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार फोन करने पर भी जीवन दायनी 108 सेवा भी गायब ही मिली। इसके बाद प्रियंका को किसी तरह प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र मोरी पहुंचाया गया। हैरानी इस बात की है कि यहां पर भी महिला चिकित्सक नहीं थी। अब करें तो क्या करें? उधर प्रसव पीड़ा से तड़पती प्रियंका और इधर स्वास्थ्य सेवाओं की राह ताकते परिवार वाले…फिर घरवाले प्रियंका को ढाई सौ किलोमीटर दूर देहरादून ले जाने की तैयारी करने लगे। बताया जा रहा है कि इतने में ही रास्ते मे ही उसका कष्टदायक प्रसव हुआ, जिसमें बच्चे की जान चली गई..महिला की बड़ी मुश्किल से जान बची। सवाल ये है कि आखिर कहां है विकास? और आखिर किधर भटक गया है विकास? प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोरी में सुविधा न मिलने के कारण एक ओर मां इस तरह जिंदिगी ओर मौत से तड़पती रही और प्रदेश का विकास कहीं उम्मीदों के गर्त में समा गया। आखिर इस दुःखद घटना की जिम्मेदारी कौन लेगा….?
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