उत्तराखंड
Uttarakhand Health System: भारी बारिश में इलाज के लिए भटकते ग्रामीण, 30KM बीमार महिला को डोली पर लेकर जाने को मजबूर…
Uttarakhand Health System: उत्तराखंड के सींमात जिले पिथौरागढ़ (Pithoragarh) की बदहाल स्वास्थ्य (Health) व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है। एक बार फिर पिथौरागढ़ की बदहाल व्यवस्था की हकीकत बयां करता मामला सामने आया है। यहां एक बीमार महिला के साथ ही ग्रामीणों को बदहाल व्यवस्थाओं और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा। भारी बारिश में जान जोखिम में डालकर 30 किलो मीटर डोली पर महिला को अस्पताल पहुंचाने पर मजबूर हुए। तब जाकर कहीं महिला को इलाज मिल सका है। वहीं पूरे मामले ने विभाग के दावों की पोल खोल दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिथौरागढ़ के बोना गांव स्थित पीएचसी में तैनात एकमात्र डॉक्टर को बगैर प्रतिस्थानी के मदकोट पीएचसी में अटैच कर दिया गया है। ऐसे में डॉक्टर न मिलने पर ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी परेशानी का शिकार गांव की गीता देवी पत्नी कुंदन बृजवाल हो गई। पीएचसी में डॉक्टर न होने के कारण बीमार महिला को भारी बारिश और बदहाल रास्तों के बीच ग्रामीणों ने 30 किमी पैदल सफर कर डोली से दूसरे अस्पताल पहुंचाया, तब जाकर उसे उपचार मिल सका है।
बताया जा रहा है कि बोना में तैनात एकमात्र डॉक्टर को आठ माह पूर्व मदकोट पीएचसी में बगैर प्रतिस्थानी के ही संबद्ध कर दिया गया है। जबकि बोना में डॉक्टर की तैनाती के निर्देश स्वयं डीएम ने दिए थे। गौरतलब है कि पिथौरागढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं पर बार- बार सवालिया निशान लगते रहते है। उसके बावजूद स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर करने के दावे होते तो हजार बार है पर किस्सा वहीं ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती है। अब इन हालातों में जब सिस्टम ही बीमार है तो कैसे इन दुरस्थ क्षेत्रों में जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का मिलना संभव है।
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