उत्तराखंड
उत्तराखंड: वाहनों की मॉडल सीमा लागू करने की तैयारी, दुर्घटनाओं पर लगेगी रोक…
देहरादून : उत्तराखंड परिवहन विभाग राज्य में सड़क सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए वाहनों की मॉडल सीमा लागू करने की तैयारी कर रहा है। यह कदम राज्य में बढ़ते सड़क हादसों को नियंत्रित करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत वाहनों के रूट परमिट की अधिकतम आयु तय की जाएगी, और परमिट समाप्त होने के बाद वाहन मालिक को उस रूट से वाहन हटाना होगा।
विभाग का उद्देश्य पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में वाहनों की आयु सीमा का निर्धारण करना है, ताकि पुराने और असुरक्षित वाहनों के संचालन पर रोक लगाई जा सके। स्टेज कैरिज वाहनों के लिए मैदानी रूट पर अधिकतम मॉडल सीमा 18 साल तो पर्वतीय रूट पर यह सीमा 15 साल होगी। कॉन्ट्रैक्ट कैरिज वाहनों के लिए शहरी क्षेत्रों में 10 साल तो ग्रामीण क्षेत्रों में 12 साल रहेगा। प्राइवेट वाहन की बात करे तो मैदानी रूट पर 18 साल तो पर्वतीय रूट पर 15 साल रहेगा।
परिवहन उपायुक्त दिनेश पठोई ने कहा कि एसटीए की अगली बैठक से पहले मॉडल सीमा का ड्राफ्ट तैयार कर लिया जाएगा। अक्टूबर में हुई एसटीए बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी, जिसमें एसटीए अध्यक्ष बृजेश कुमार संत ने इसे विस्तार से तैयार करने के निर्देश दिए थे। रूट परमिट की अवधि समाप्त होने के बाद वाहन मालिक उसी रूट पर वाहन का संचालन नहीं कर सकेंगे। हालांकि, वे किसी अन्य रूट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह नीति वाहनों के संचालन में पारदर्शिता लाने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। इस नई नीति से जहां पुराने वाहनों के मालिकों को अपने वाहनों को बदलने की आवश्यकता होगी, वहीं यात्रियों को भी अधिक सुरक्षित और बेहतर सेवा मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम पर्यावरणीय प्रदूषण को भी नियंत्रित करेगा, क्योंकि पुराने वाहन अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
मुख्यमंत्री धामी पहुंचे पुरोला, किया ₹ 210 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास…
यहां जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ जनता मिलन कार्यक्रम
उत्तराखण्ड के लोक साहित्य को डिजिटल स्वरूप में किया जाएगा संरक्षित – मुख्यमंत्री
मजबूरी मौनता निष्क्रियता: दून प्रशासन का परिचय नहीं; सेवाएं बाधित करने वाले पर लगेगा एस्मा: डीएम
अष्टादश महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिवस पर विधायक विक्रम सिंह नेगी और पूर्व प्रमुख विजय गुनसोला ने व्यास पीठ से लिया आशीर्वाद
