उत्तराखंड
Uttarakhand Scheme: इन दो नदियों को एक करने की तैयारी, जानिए क्या है योजना और इसके लाभ…
Uttarakhand Scheme: उत्तराखंड में पहली बार सरकार द्वारा पेयजल की किल्लत को दूर करने के लिए दो नदियों को एक करने की तैयारी की दा रही है। इस योजना के तहत पिंडर नदी का पानी कोसी नदी में डाला जाएगा। ग्लेशियर वाली पिंडर नदी के पानी को कोसी में लाने की यह अपने आप में पहली योजना है। इसका प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है।
योजना पर काम शुरू
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार कोसी नदी बरसात के पानी से प्रभावित रहती है। इसका जल स्तर लगातार गिरने की वजह से अल्मोड़ा और बागेश्वर में पानी की किल्लत होने लगी है। ऐसे में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों की परेशानियों का स्थायी समाधान निकालने के लिए पेयजल विभाग ने पिंडर नदी के पानी को कोसी में लाने का काम कर रही है। पिंडर नदी हिमालयी नदी है जो कि 12,530 फीट की ऊंचाई पर स्थित पिंडारी हिमानी ग्लेशियर से शुरू होती है। योजना पर काम शुरू हो गया है।
बरसाती नदी में सालभर बहेगा ग्लेशियर का पानी
बताया जा रहा है कि देश का यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट होगा, जिसके तहत ग्लेशियर नदी की धारा को मोड़कर उसे बरसाती नदी पर पहुंचाया जाना है। यह पहली बार होगा कि उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल की एक नदी को कुमाऊं मंडल की नदी से जोड़ा जाएगा। इसके बाद बरसाती नदी में सालभर ग्लेशियर का पानी बहेगा। इससे बड़े आबादी क्षेत्र को पानी मिलेगा। बड़े भू-भाग के लिए सिंचाई करने को पानी उपलब्ध होगा।
केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव
गौरतलब है कि पिंडारी ग्लेशियर बेशक कुमाऊं मंडल में स्थित है, लेकिन ग्लेशियर से निकलने के बाद यह नदी गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में प्रवेश करती है। बताया जा रहा है कि जल्द ही सीएम पुष्कर सिंह धामी के समक्ष प्रेजेंटेशन के बाद शासन की ओर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद धरातल पर काम शुरू होगा।

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