उत्तरकाशी-लिंगानुपात के चौंकाने वाले आंकड़े उजागर
UT-उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के कई गांवों में बालिकाओं के कम होते लिंगानुपात के चौंकाने वाले आंकड़े उजागर होने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग आंकड़ों की विस्तृत पड़ताल में जुट गया है।
आशाओं द्वारा दिए गए आंकड़ों का बीते तीन माह के भीतर जिले के विभिन्न अस्पतालों और घरों में हुए प्रसवों से मिलान किया जा रहा है। इसमें घरों में हुए प्रसवों में बालिका लिंगानुपात में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।
जिले के विभिन्न गांवों में बीते तीन माह के भीतर हुए प्रसव को लेकर आशा कार्यकर्ताओं की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में सामने आया कि जिले के 133 गांवों में 216 बेटे पैदा हुए, बेटी एक भी नहीं जन्मी। जबकि 129 गांवों में 180 बेटियां पैदा हुई और बेटा एक भी नहीं।
आशा कार्यकर्ताओं ने इन तीन महीनों में जिले में कुल 935 प्रसव होने की सूचना दी है, जबकि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में जिले के विभिन्न अस्पतालों और घरों पर हुए प्रसवों को मिलाकर कुल 961 डिलीवरी हुई हैं। इसके साथ ही आशाओं की रिपोर्ट के अनुसार जिले में कुल 496 बेटे एवं 439 बेटियां पैदा हुईं, जबकि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में बेटों की संख्या 468 व बेटियों की संख्या 479 है।
विकासखंडों में बालिका लिंगानुपात काफी कम
डिप्टी सीएमओ डा.सीएस रावत ने बताया कि बीते तीन माह में जिला अस्पताल को छोड़कर जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों में हुए प्रसवों में बालकों के मुकाबले पैदा हुई बेटियों की संख्या ज्यादा है। जिला अस्पताल में 207 बेटे और 190 बेटियां पैदा हुई, जबकि घरों में हुए प्रसवों में कई विकासखंडों में बालिका लिंगानुपात काफी कम है।
उन्होंने बताया कि भटवाड़ी ब्लाक में घरेलू प्रसव में 8 के मुकाबले 5 बेटियां पैदा हुई। जबकि डुंडा ब्लाक में 18 बेटे और 7 बेटी और मोरी में 46 बेटे और 37 बेटियां पैदा हुईं। इस सबके बावजूद जिले में बेटों के मुकाबले बालिकाओं का लिंगानुपात 1075 है।
दून और चंडीगढ़ के गिरोह हैं जिले में सक्रिय!
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