देहरादून
राजनीति हलचल: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का विधायकों मेयरों को बुलावा, जानिए क्यों….
देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में आये भूचाल को लेकर दिल्ली से बड़ी खबर सामने आ रही है। अब मुख्यमंत्री रावत के दिल्ली बुलावे के बाद अब भाजपा विधायकों को भी दिल्ली से बुलावा आया है। उत्तराखंड की राजनीति में अभी कुछ भी सामान्य नहीं चल रहा है। आपको बता दें कि दो दिन पहले देहरादून में कोर ग्रुप की बैठक हुई थी। कई विधायक गैंरसैण से तुरंत देहरादून पहुंचे थे। वहीं सत्र को भी स्थगित किया गया था। दिल्ली से भी दो ऑबजर्बर उत्तराखंड पहुंचे थे जिसके बाद से प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की खबरों चलने लगी थी। लेकिन शाम होते-होते इन सभी अटकलों को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने खारिज कर दिया था। लेकिन अचानक फिर आज सुबह से हो रही सुगबुगाहट से उत्तराखंड की राजनीति में फिर हलचल मच गई है। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि भाजपा के विधायकों को कल तक दिल्ली पहुंचने के लिए कहा गया है और कल तक वह दिल्ली पहुंच जाएंगे विधायकों के दिल्ली बुलावा से साफ लग रहा है कि उत्तराखंड में जो सियासी उठापटक चल रही है उस पर विधायकों की भी सहमति ली जाएगी। वहीं सूत्रों ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पक्ष में 35 से ज्यादा विधायक है जो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ मजबूती से खड़े है। जिन विधायकों ने मुख्यमंत्री के प्रति अपना विश्वास जताया है। सूत्रों की मानें तो 9 मार्च को दिल्ली में भाजपा की पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक हो सकती है जिसमें उत्तराखंड को लेकर कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के भाग्य का फैसला पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों के बाद भी लिया जा सकता है। पार्टी इस बीच कोई बदलाव कर चुनावी राज्यों में नकारात्मक संदेश देने से बचना चाहती है। लेकिन सूत्रों की मानें तो अगले विधानसभा चुनाव से पूर्व राज्य में नेतृत्व परिवर्तन जरूरी हो गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से नाराज पार्टी के एक दर्जन विधायकों ने पार्टी आलाकमान तक यह सन्देश पहुंचा दिया है कि अगर रावत को मुख्यमंत्री के रूप में बरकरार रखा जाता है तो अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। त्रिवेंद्र सिंह रावत की कार्यशैली से नाराज लगभग एक दर्जन विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है। इन विधायकों ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के प्रभारी रमन सिंह को यह बताया है कि अगर नेतृत्व में परिवर्तन नहीं किया गया तो पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। जानकारी के मुताबिक रमन सिंह और सहप्रभारी दुष्यंत गौतम ने नाराज विधायकों की यह बात पार्टी आलाकमान तक पहुंचा दिया है। मंगलवार को पार्टी के शीर्ष स्तर पर ठोस निर्णय लिया जा सकता है। लेकिन नेतृत्व परिवर्तन चुनाव ख़त्म होने के बाद ही किये जाने की उम्मीद है। तब तक नाराज विधायकों को इंतजार करने के लिए कहा जा सकता है। साथ ही आपकी बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से नाराज गुट के एक नेता ने बताया कि रावत पार्टी के विधायकों की कभी भी पहली पसंद नहीं रहे। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद जब पार्टी विधायकों की बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को केन्द्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री के रूप में पसन्द हैं तो किसी ने विरोध नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद का ध्यान रखते हुए रावत से असंतुष्ट नेताओं ने चुप्पी साध ली थी। असंतुष्ट नेताओं को इस बात का भरोसा था कि मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद रावत सभी को साथ लेकर चलेंगे और उनका सम्मान करेंगे। लेकिन असंतुष्ट नेताओं के मुताबिक त्रिवेंद्र सिंह रावत के काम करने का तरीका ठीक इसके उलट निकला। ऐसा नहीं है कि चुनाव करीब आये हैं और इस कारण अब नाराज विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। इसके पहले भी कई बार केन्द्रीय नेतृत्व से त्रिवेंद्र सिंह रावत के व्यवहार को लेकर शिकायतें की गईं। लेकिन उन्हें नजरंदाज किया जाता रहा। लेकिन अब विधायकों को लग रहा है कि अगर अब त्रिवेंद्र सिंह रावत को न हटाया गया तो अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है। आपको बताते चलें कि राज्य के विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने तय हैं। इस बार उत्तराखंड के चुनाव में आम आदमी पार्टी की भी एंट्री हो रही है। आम आदमी पार्टी अभी से त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। इसी बीच त्रिवेंद्र सिंह रावत के ऊपर भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है। इस मामले में 10 मार्च को भी सुनवाई होनी है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसी परिस्थिति में अगर रावत को न हटाया गया तो पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है। साथ ही अन्य दल भी मुख्यमंत्री रावत पर लगातार हमले करते जा रहे हैं। वहीं सोमवार को बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि सब ठीक है। मुख्यमंत्री सामान्य तौर पर दिल्ली गए है। पार्टी में कोई कलह नहीं है। उन्होंने किसी भी तरह के परिवर्तन से साफ इनकार किया है।
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