टिहरी गढ़वाल
पहल: जब किसी ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों, कुदाल-फावड़ा थाम शुरू किया सड़क निर्माण…
टिहरी गढ़वाल के भिलंगना ब्लॉक में क्यारदा असकण्ड मोटर मार्ग की मांग गाँव वाले पिछले सात सालों से कर रहे हैं। पिछले पांच सालों से फाइल सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी, राजस्व और वन विभाग की तमाम दस्तावेजी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई हैं मगर सरकारी उपेक्षा के चलते डेड किलोमीटर की इस सड़क के लिए आजतक बजट स्वीकृत नहीं हो पाया है, जबकि इस प्रस्तावित सड़क से पांच गाँव क्यारदा, असकण्ड, दिवार, कुरोली और बमोली लाभान्वित होने हैं।
गांव में कोई बीमार बुजुर्ग हो या गर्भवती महिला, मुख्य सड़क तक लाने के लिए चार लोगों को कण्डी का सहारा लेना पड़ता है, जो कि सदियों से पहाड़ की नियति रही है। गांव वाले सड़क के लिए सालों से सरकारी मदद की आस में थे मगर गांव में सड़क मात्र एक सपना ही बनकर रह चुका है। अब गांव के युवा खुद अपनी तकदीर बदलना चाहते हैं। ग्रामीणों के सब्र का बांध आखिर टूटा और ये निर्णय लिया गया कि सरकार के भरोसे न रह कर अब श्रमदान से ही गांव तक सड़क पहुंचायी जाएगी।
👉 यह भी पढ़े- सावधान: उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के 15 नए मामले सामने, 6 लोग गवां चुके जान…
गाँव के युवाओं ने भरपूर जोश दिखाकर सड़क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। बता दें कि ग्रामीण सड़क की भूमि पूर्णतः सिविल है, जिसकी डीपीआर में फोरेस्ट क्लीयरेंस संलग्न है। ग्रामीणों ने श्रमदान से प्रतिदिन 20 मीटर सड़क काटने की योजना बनाई है। पीडब्ल्यूडी ने ग्रामीणों के प्रयास का संज्ञान लिया और सीघ्र बजट स्वीकृत करवा कर टेण्डर करने का आश्वासन दिया है।
नोट: यह आर्टीकल कॉपी राइट हो सकता है। यह आर्टीकल हमने दीपक कण्डारी जी के फेसबुक वॉल से लिया है।। आर्टीकल आभार दीपक कण्डारी ।।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें