टिहरी गढ़वाल
घनसालीः गुलदार की धमक से प्रशासन मुस्तैद, ग्रामीणों को किया जा रहा जागरुक…
टिहरीः उत्तराखंड में जहां गुलदार का आंतक लगातार बढ़ता जा रहा है। हर जिले में कुछ किलोमीटर की दूरी पर गुलदार की धमक बनी हुई है। हाल ही में रूद्रप्रयाग में डेढ़ साल की मासूम को घर के आंगन में गुलदार ने अपना निवाला बना लिया। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने उस आदमखोर गुलदार को तो मौत के घाट उतार दिया। लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार का खौफ बरकरार है। जिसके लिए भिलंगना वन रेंज की टीम अब गुलदार का आतंक देखते हुए इस खूंखार जानवर से बचने के लिए ग्रामीणों को उपाय बता रही है। साथ ही लोगों को जागरुक करने का काम किया जा रहा है।
ग्रामीणों को खौफ और गुलदार से बचाने के लिए भिलंगना रेंज घनसाली की विभिन्न टीमों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में रात्रि गश्त के दौरान आवश्यक सावधानियां बरतने के लिए कहा गया है। ग्रामिणों को बताया गया कि अपने घर के चारों ओर कम से कम 50 से 100 मीटर तक लैंटाना, काला बांस, हिस्सर, गाजर घास न उगने दें। इन झाड़ियों में अक्सर गुलदार छुप जाता है और मौका मिलने पर हमला कर सकता है। शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक बच्चों को घर से बाहर न जाने दें। उन्हें होमवर्क पर लगाने या किसी अन्य काम में घर के भीतर ही व्यस्त रखें क्योंकि ऐसे समय में गुलदार शिकार की तलाश में अक्सर घरों के आसपास घूमते हैं। बच्चों को घर के बाहर शौचालय में रात के समय अकेले न जाने दें। महिलाएं जब जंगलों में जाएं तो कोशिश करें कि शाम 4 बजे से पहले घर लौट आएं। 4 बजे से अंधेरा होने तक गुलदार के हमले की घटनाएं ज्यादा होती हैं।
भिलंगना वन रेंज अधिकारी ने बताया कि घनसाली की टीम द्वारा रविंद्र नैथानी के नेतृत्व में घनसाली और इसके आसपास के सभी क्षेत्रों में गुलदार के आतंक को देखते हुए आम जनमानस को सावधान रहने के लिए जागरूक किया गया है। इसके साथ ही लोगों से आवश्यक सावधानियां बरतने के लिए कहा गया है।
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