टिहरी गढ़वाल
BREAKING: टिहरी में छात्र की मौत के बाद जागा शिक्षा विभाग, स्कूलो को दिए ये सख़्त आदेश…
टिहरी: उत्तराखंड के टिहरी में राजकीय इंटर कॉलेज कीर्तिनगर में 17 अगस्त को मारपीट में घायल हुए छात्र की मौत के बाद अब शिक्षा विभाग जाग गया है। जहां शिक्षा विभाग ने गढ़वाल मंडल के सभी स्कूलों को अनुशासन समिति बनाकर विद्यालय में होने वाली हर घटना पर निरन्तर नजर रखने के आदेश जारी किए हैं। जिससे विद्यालय में कोई अप्रिय घटना न हो। यदि ऐसा होता है तो विद्यालय पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं मामले में विद्यालय के व्यायाम शिक्षक का निलंबन हो गया है। डीएम टिहरी की ओर से मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
आपको बता दें कि राइंका कीर्तिनगर परिसर में 17 अगस्त को छात्रों के बीच हुई मारपीट में मलेथा निवासी छात्र आयुष नेगी गंभीर रूप से घायल हो गया था। उपचार के दौरान 20 अगस्त को देहरादून में उसकी मौत हो गई थी। जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने 21 व 22 अगस्त को कीर्तिनगर तहसील का घेराव कर दोषी छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने व विद्यालय प्रशासन के खिलाफ ठोस कार्यवाही की मांग की थी। इस मामले में जिलाधिकारी की ओर से घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराए जाने व विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित जिम्मेदार शिक्षक के निलंबन की संस्तुति दिए जाने सहित छात्र के परिजनों को आर्थिक मदद दिए जाने के आश्वासन पर ही ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ था। जिसके बाद अब खंड शिक्षा अधिकारी ने मैजिस्ट्रेट रिपोर्ट के आधार पर व्यायाम शिक्षक को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि विद्यालय में अनुशासन बनाए रखने की प्रमुख जिम्मेदारी व्यायाम शिक्षक की बनती है। यदि प्रधानाचार्य, व्यायाम शिक्षक एवं अन्य शिक्षक सक्रिय एवं संवेदनशील होते तो सम्भवतया यह घटना रोकी जा सकती थी। जिससे एक मासूम छात्र का जीवन बच सकता था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक पौड़ी ने विद्यालय के व्यायाम शिक्षक वीर विक्रम सिंह के निलंबन के आदेश जारी किए हैं। निलंबित शिक्षक को अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक कार्यालय पौड़ी से सबंद्ध किया गया है। प्रधानाचार्य का निलंबन शासन स्तर से किया जाना है। वहीं विभाग ने स्कूलों में अब विद्यार्थियों की हर हरकत पर नज़र रखने के लिए अनुशासन समिति बनाने के आदेश दिए है इसके साथ ही शिक्षकों को छात्र-छात्राओं की कॉलिंग करने और किसी भी प्रकार की गुटबाजी नहीं बनने देने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही अब शिक्षकों को ये भी आदेश दिया गया है कि वह छात्र-छात्राओं को प्रयोगशाला में अपनी उपस्थिति में प्रवेश कराए। क्योंकि यह भी संज्ञान में आया है कि छात्र-छात्रा प्रयोगशालाओं के उपकरण का भी आपसी लड़ाई-झगड़े में प्रयोग कर वह एक दूसरे को हानि पंहुचा सकते है। शिक्षा विभाग ने सख्त आदेश दिया है कि अगर विद्यालय में किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो इसका जिम्मेदार विद्यालय प्रशासन स्वयं होगा।

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