टिहरी गढ़वाल
टिहरीः कॉमरेड कंसवाल का निधन, शिक्षक की नौकरी छोड़ लड़ा था चुनाव…
टिहरीः उत्तराखंड की एक बड़ी हस्ती दुनिया को अलविदा कह गई है। शिक्षक, राजनेता और पत्रकार कॉमरेड बच्चीराम कंसवाल का निधन हो गया है। मूलरूप से टिहरी निवासी कंसवाल ने 88 वर्षीय की आयु में अपने नवादा, देहरादून स्थित घर में आज (बुधवार) दोपहर अंतिम सांस ली। कंसवाल के निधन से शोक की लहर डूब गई है। वह अपने पीछे पत्नी जगदेश्वरी देवी, दो पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए है। उनकी राजनीति की शुरूआत को हर कोई याद कर रहा है। शिक्षक की नौकरी छोड़ कंसवाल ने चुनाव लड़ा था और महज 27 वोट से चुनाव हारे थे।
आपको बता दें कि कंसवाल मूलरूप से टिहरी उत्तरकाशी मोटर मार्ग पर स्थित मरोड़ा गांव के निवासी है, जोकि सुप्रसिद्ध गांधीवादी पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा जी का भी गांव है। वह 1960 के दशक में युवावस्था में ही वामपंथी आंदोलन में शामिल हो गए थे। वह मरोड़ा गांव के प्रधान भी रहे। 1960 के दशक में ही जब कम्युनिस्ट पार्टी संयुक्त थी, तब सदस्य बन गए थे और 1964 में विभाजन के बाद से आजीवन सीपीएम में सक्रिय रहे। जिला सचिव के बाद उत्तराखंड सचिव मंडल के सदस्य भी रहे। पार्टी और वामपंथी आंदोलन से बाहर भी एक प्रखर वक्ता के रूप में जाने जाते रहे। आखिरी कुछ वर्ष छोड़कर वे लगातार पत्रकारिता में भी सक्रिय रहे और अनेक वर्ष तक नवभारत टाइम्स के संवाददाता भी रहे।
1970 के दशक में शिक्षक की नौकरी छोड़ उत्तर प्रदेश प्रदेश विधान परिषद (शिक्षक स्नातक सीट) का चुनाव लड़ा। तब नित्यानंद स्वामी जो बाद में उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री बने, से मात्र 27 वोट से चुनाव हारे थे। उन्होंने इसके बाद टिहरी से एक बार एमएलए और एक बार एमपी का चुनाव भी लड़ा। कंसवाल के बड़े पुत्र डॉ मदन डॉ मदन कंसवाल हाल ही में टीएचडीसी इंडिया से वैज्ञानिक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और अब गांव में ही एक होम स्टे का संचालन करते हैं। जबकि छोटे पुत्र प्रमोद कंसवाल पत्रकार और चर्चित कवि हैं। पुत्री शिक्षिका हैं।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें