उत्तरकाशी
Big News: उत्तराखंड़ में सीएम धामी की इस योजना के नाम पर बड़ा घोटाला, ऐसे की जा रहीं धांधली…
देहरादूनः उत्तराखंड में सीएम धामी ने राजकीय विद्यालयों के 10 व 12 कक्षा के छात्रों को टैबलेट देने की योजना निकाली थी। लेकिन राज्य सरकार ने जिस घोटाले की आशंका के बीच टैबलेट देने से हाथ पीछे खींचते हुए 12 हजार रुपए देने का फैसला लिया था। अब उसी योजना के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है। मामले का खुलासा रुद्रप्रयाग के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि से हुआ है। में तकरीबन 2200 छात्रों को सरकार की ओर से निःशुल्क टैबलेट दिए जाने की महत्वाकांक्षी योजना पर फर्जी बिलों के जरिए योजना को पलीता लगाने की कोशिश की जा रही है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार चुनाव आचार संहिता के बाद महाविद्यालयों में भी निःशुल्क टैबलेट बांटे जाने थे, जिस पर पहले शपथ पत्र और बिल लाने का आदेश जारी किया गया था। मगर इसके बाद भी राजस्व को चुना लगाया जा रहा है। छात्र बिना टैबलेट खरीद के बाजारों से फर्जी बिल लगा रहे हैं। ये बिल राशन की दुकानों से लेकर डिजाइन करके बदले जा रहे हैं। कहीं-कहीं इन बिलों में जीएसटी ही नहीं है, तो कहीं आईएमईआई नंबर ही गायब है। अगर है भी तो वो पुराने मोबाइल का ही आईएमईआई नंबर चस्पा कर दिया गया है। ये बिल बड़ी आसानी से पांच सौ से लेकर दो हजार रूपये तक में बन रहे हैं। अब समस्या ये है कि महाविद्यालय प्रशासन जांच की बात तो कर रहा है लेकिन जीएसटी बिलों और आईएमईआई नंबर की सत्यता को लेकर उनके पास कोई टेक्निल एक्सपर्ट नहीं है। ऐसे में टैक्स का भी नुकसान हो रहा है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में फ्री टैबलेट योजना के तहत सरकारी स्कूलों के 1.59 लाख छात्र-छात्राओं को जल्द ही डीबीटी के जरिए 12-12 हजार रुपये मिल रहे हैं। कक्षा दस और 12 वीं के छात्रों को इस योजना के टैबलेट खरीदने के लिए पैसा दिया जा रहा है। जिसमें फर्जी बिल का मामला सामना आ रहा है।
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