टिहरी गढ़वाल
आस्थाः दानवीर कर्ण महाराज बूढ़ाकेदार मंदिर से पैदल यात्रा करते हुए केदारनाथ के लिए रवाना…
टिहरीः आस्था के प्रतीक दानवीर कर्ण महाराज बूढ़ाकेदार मंदिर के दर्शन कर पैदल यात्रा करते हुए केदारनाथ के लिए रवाना हो गए है।
23 मई को सिंगतूर, गांड़ू गाड़ पट्टी रवाई क्षेत्र से अपनी पैदल यात्रा का शुभारंभ करते हुए कमलेश्वर महादेव मंदिर पुरोला, विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी के साथ ही वह पौराणिक तीर्थ धाम बाबा बूढ़ाकेदार मंदिर दर्शन कर पैदल यात्रा करते हुए केदारनाथ के लिए रवाना हुए।
कुंती पुत्र दानवीर कर्ण महाराज के वजीर हरदेब सिह रागड द्वारा बताया गया कि दानवीर कर्ण महाराज पैदल यात्रा कर मंदिरो, साधु-संतों एवं कन्याओं को प्रतिदिन दान स्वरूप सोना व दक्षिणा देकर गुप्त दान भी किया जाता है।
देवी भागवत पुराण, श्रीमद्भागवत पुराण, अष्टादश पुराण मे दानवीर करण महाराज द्वारा प्रत्येक दिन गाय दान व सोना दान भी किया जाता है। जहां देश और दुनिया में दहेज प्रथा समाज के लिए अभिशाप बनी हुई है।
वहीं रवाई क्षेत्र में दानवीर कर्ण महाराज द्वारा पूर्ण रूप से संकल्प वा दान दहेज पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। रवाई क्षेत्र में जहां शादी ब्याह में कन्याओं को दान तो दिया जाता है। मगर रवाई क्षेत्र में आने वाली दुल्हन, बहू से दान वा दहेज बिल्कुल भी नहीं लिया जाता है यह प्रथा देश वा दुनिया के लिए एक मिसाल बनी हुई है।
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