टिहरी गढ़वाल
आक्रोश: धंसने लगी 3 करोड़ में बनी एप्रोच रोड, निर्माण की गुणवत्ता पर उठने शुरू हुए सवाल….
टिहरी: डोबरा-चांठी पुल शुरुआत से ही चर्चाओं में रहा है और अब इसके निर्माण में अनियमितता के आरोप लग रहे हैं। पुल को जनता के लिए खुले अभी कुछ महीने ही हुए हैं। डोबरा-चांठी पुल में तीन करोड़ रुपये की लागत से बनी एप्रोच रोड कुछ महीने में ही धंसने लगी है। डोबरा-चांठी पुल की चांठी साइड की एप्रोच रोड धंसने लगी है। महज कुछ ही दिन में पुल की साइट से लगी सड़क में दरार भी पड़ गई है। सड़क का ये हाल देख क्षेत्र के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
लोनिवि का कहना है कि जहां पर रोड धंसी है, वहां पर मिट्टी भरी गई थी, जिससे सड़क धंसी। इससे सड़क के निर्माण कार्य पर भी सवाल उठने लगे हैं। तीन करोड़ रुपये की लागत से बनाए डोबरा-चांठी पुल में चांठी साइड की एप्रोच रोड धंसने के साथ ही निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
अब सड़क का निर्माण कराने वाली हिल व्यू कंपनी पर अनियमितता के आरोप लग रहे हैं। पुल के निर्माण में समय के साथ करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। डोबरा चांठी पुल एशिया का सबसे ऊंचा सस्पेंशन झूला पुल है, जिसे प्रतापनगर वासियों की सुविधा के लिए बनाया गया है। लेकिन करोड़ों खर्च होने के बाद जो सड़क बनकर तैयार हुई और घटिया गुणवत्ता के कारण आज सड़क पर दरार पड़ गई है। सड़क का डामर भी जगह-जगह से उखड़ गया है। हिल व्यू कंपनी को सड़क को ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले डोबरा-चांठी पुल पर बिछे मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़ने की खबरें भी सामने आ चुकी हैं। पहले मास्टिक में दरार और अब पुल किनारे बनी सड़क के उखड़ने से लोग चिंतित हैं।
राज्य स्थापना के मौके पर आठ नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डोबरा-चांठी पुल का उद्घाटन किया था। इस पुल का निर्माण 14 से 15 साल में हुआ है, जिसका प्रतापनगर वासियों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। लेकिन अब देश के सबसे लंबे सिंगल लेन सस्पेंशन ब्रिज और इसके साथ बानी सड़क के निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी का मामला सामने आया है, जिससे क्षेत्र की जनता में आक्रोश है।
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