टिहरी गढ़वाल
परंपरा: लोक संस्कृति को संरक्षित करता मैण्डू सेदंवाल गांव, पौराणिक पाडंव नृत्य का किया गया समापन…
मनमोहन सिंह रावत। घनसाली। उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहा जाता है आजकल यह चरितार्थ देखने को मिल रहा है टिहरी जनपद के सीमांत क्षेत्र भिलंगना घाटी के मैण्डू सेदंवाल गांव में आज पौराणिक पाडंव नृत्य का समापन किया गया।
जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने पहुंच कर पाडंव नृत्य का लुफ्त उठाया। लोक संस्कृति और लोक विधाओं को जीवित रखने का यह प्रयास अति प्रसंसनीय है। इस प्रकार के सामूहिक भव्य आयोजनों से ग्रामीण एकता की मिसाल का संदेश जाता है।
इस तरह के आयोजनों से नई पीढी को भी लोक संस्कृति के इन किरदारों, पहनाओं एवं आयोजनों वा पाडंव शैली के नृत्यों से रुबरु होने का भी अवसर मिलता है। हमारी लोक विधाएं, लोक कलाएं, लोक संस्कृति, लोक पहिनावा, सुरक्षित एवं संरक्षित रह सके। इस भव्य कार्यक्रम में क्षेत्र के कई गणमान्य लोगों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि भजन सिंह रावत, हयात कंडारी, नरेश तिवारी, चंदर कंडारी आदि लोग मौजूद रहे।

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