उत्तर प्रदेश
धर्म की सियासत: सपा-भाजपा के बीच भगवान श्रीकृष्ण पर घमासान, अखिलेश के सपने वाले बयान पर योगी का तंज…
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और सपा के बीच भगवान श्रीकृष्ण को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। बता दें कि इसकी शुरुआत भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने पिछले दिनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मथुरा से विधानसभा चुनाव लड़ने की मांग की थी। उसके बाद सोमवार को लखनऊ में ‘अखिलेश यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि भगवान कृष्ण उनके सपने में आए थे और कहा कि यूपी में उनकी ही सरकार बनेगी। यही नहीं अखिलेश ने आगे कहा कि भगवान श्रीकृष्ण उनके सपने में हर रोज आते हैं और कहते हैं यूपी में तुम्हारी ही सरकार बनेगी और सपा ही यूपी में राम राज्य लाएगी’। अखिलेश के बयान के बाद आज अलीगढ़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।
योगी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भगवान श्रीकृष्ण सपने में आए बयान पर तंज किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा, भगवान कृष्ण ने अखिलेश यादव से ये भी कहा होगा कि जब तुम्हें सत्ता मिली थी, तब मथुरा, गोकुल, बरसाना और वृंदावन के लिए कुछ कर नहीं पाए, बल्कि कंस को पैदा करके ‘जवाहरबाग’ की घटना कर दी। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी अखिलेश यादव के सपने वाले बयान को लेकर पलटवार करते हुए कहा कि ये सपनों के सौदागर हैं। इनकी सरकार जमीन पर तो नहीं बन रही है। इसलिए ये सपनों में अपनी सरकार बना रहे हैं। आइए अब आपको बताते हैं सीएम योगी ने मथुरा के जिस जवाहर बाग की घटना का उल्लेख किया है वह क्या है।
सपा सरकार में मथुरा जवाहर बाग में हुआ था उपद्रव, एसपी और एसआई हुए थे शहीद–
बता दें कि मथुरा में जय गुरुदेव के अनुयायियों ने जवाहरबाग की भूमि पर कब्जा कर रखा था। यहां रामवृक्ष यादव अनुयायियों का नेतृत्व कर रहा था। जब कोर्ट के आदेश के बाद 2 जून 2016 को पुलिस जवाहरबाग को खाली कराने पहुंची तो अनुयायियों ने उन पर हमला कर दिया। पूरे जवाहर बाग को अग्निकांड में बदल दिया था। खाली कराने गई पुलिस टीम पर हथियारों से हमला किया गया । इस हमले में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसआई संतोष यादव शहीद हुए थे और कई पुलिसकर्मी हमले में घायल हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। इसमें 27 उपद्रवी मारे गए थे। जवाहर बाग में आगजनी और हिंसक घटना ने तत्कालीन सपा सरकार को हिला कर रख दिया था। मामले में कई राजनेताओं पर रामवृक्ष यादव को संरक्षण देने के आरोप लगे थे। वहीं जवाहर बाग हिंसा के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव की मौत को लेकर आज भी लोगों के मन में सवाल पैदा होते हैं। यह आज तक साबित नहीं हो पाया है कि रामवृक्ष जिंदा है या मुर्दा? आरोपी मृतक रामवृक्ष यादव के परिवार के वकील एलके गौतम का यह दावा है कि रामवृक्ष आज भी जिंदा है। उन्होंने कहा कि अगर रामवृक्ष मारा गया है, तो पुलिस प्रशासन और सीबीआई उसका प्रमाण कोर्ट में क्यों नहीं दाखिल कर पा रही है।
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