उत्तराखंड
इलाज न मिलने पर उत्तराखंड के इन जिलों में 19 नवजात ने तोड़ा दम…
पहाड़ के जिलों में पैदा हो रहे प्रति एक हजार में से औसतन 19 नवजात उचित उपचार के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि छोटे स्वास्थ्य केंद्रों से रेफर किए जाने से पहले बीमार नवजात बच्चों को प्राथमिक उपचार तक नहीं मिल पा रहा है।
विशेषज्ञों के अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चम्पावत जिलों में नवजात बच्चों के उपचार के पर्याप्त एवं उचित इंतजाम आज भी नहीं हैं। इतना ही नहीं, पहाड़ी जिले के किसी सरकारी अस्पताल में विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) की सुविधा तक नहीं है।
इसके अलावा बाल रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण बाकी डॉक्टर ऐसे केसों में किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। ऐसे में मामूली बीमारी में बगैर उचित प्राथमिक उपचार के पहाड़ से ऐसे नवजात बच्चों को हल्द्वानी रेफर किया जा रहा है। लंबी दूरी तय करके इलाज के लिए अस्पताल लाने तक गंभीर बीमार बच्चों को बचाना और भी मुश्किल हो जाता है।
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