उत्तराखंड
मातृ-शिशु के लिए बनेगा 200 बेड का स्वास्थ्य विंग, गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की होगी माॅनीटरिंग…
उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य को बेहतर से बेहतरीन बनाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। हर क्षेत्र में सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं और मातृ-शिशु के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का खास रूप से ध्यान दिया गया है। इसी सिलसिले में मातृ-शिशु की देखभाल के लिए जल्द ही हरिद्वार में 200 बेड का स्वास्थ्य विंग बनाया जाएगा।
यदि कोई महिला प्रसव के बाद 48 घंटे तक सरकारी अस्पताल में रहती है उसे 02 हजार रुपये दिये जाएंगे। राज्य सरकार ने यह तय किया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए हीमोग्लोबिन मीटर और स्ट्रिप्स के आदेश जारी किए गए हैं।
राधा रतूड़ी जी ने मुख्य सचिव का पद ग्रहण करने के बाद सर्वप्रथम स्वास्थ्य विभाग के मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा बैठक लिया। जहां उन्होंने गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। बता दें कि स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, और सभी जिलाधिकारि उस बैठक का हिस्सा बने। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मातृ-शिशु के विभिन्न योजनाओं को तत्काल लागू करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव के आदेश के बाद गर्भवती महिलाओं के हित में की बड़े फैसले लिए गए।
-पुरानी और खराब एम्बुलेंस बदली जाएगी
सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा उत्तराखंड डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि सभी पुरानी और खराब एम्बुलेंसों को प्राथमिकता के आधर पर बदला जाएगा।
– 262 नई डोली पालकियां प्रदान की जाएंगी।
स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेष कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से जिलों को अगले कुछ वर्षों में 262 नई डोली पालकियां प्रदान की जाएंगी। गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में प्रसव के बाद 48 घंटे तक रहने के बाद 2000 रुपये शगुन के तौर पर दिये जाने के प्रावधान किए गए हैं।
-गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की माॅनीटरिंग कि जाएगी
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को आयरन और फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियां भी उपलब्ध करा रहा है। उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं पर नजर रखने के लिए आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जा रही है। उन्होंने मातृ-षिषु स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति की निगरानी पर ध्यान देने के साथ वन स्टॉप सेंटर के उपयोग करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल उत्तराखंड में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
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