देहरादून
अच्छी खबर: तीसरी लहर आने में अभी वक़्त, जुलाई से बच्चों पर भी कोरोना टीका लगने की उम्मीद..
देहरादून: तीसरी लहर से पहले केंद्र सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना टीका लगाना चाहती है। लेकिन वैक्सीनेशन में तेजी तब ही आ सकती है जब देश में बड़ी संख्या में कोरोना टीके उपलब्ध हों। जायडस कैडिला के ट्रायल के नतीजे ठीक रहने पर जल्द मंजूरी मिल जाती है, तो इससे देश में वैक्सीन की कमी को पूरा कर राहत मिल सकती है। जानकारी मिली है कि इस वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा होने वाला है और अगले कुछ महीनों में इसे बच्चों को लगाया जाना शुरू भी किया जा सकता है। आपको बता दें कि एम्स में बच्चों पर चल रहे कोवैक्सीन का ट्रायल समय से पहले ही पूरा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यहां सबसे पहले 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों को पहली डोज दी गई। पिछले हफ्ते 6 से 12 साल के बच्चों को भी ट्रायल के तहत पहली डोज दी जा चुकी है।
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अब बारी है 2 से 6 साल की उम्र तक के बच्चों की है। ट्रायल के तहत इन्हें भी जल्द कोवैक्सीन लगाई जाएगी। बुधवार तक 2 से 6 साल के बच्चों की लिस्ट तैयार कर ली जाएगी और गुरुवार से ट्रायल की पहली डोज दी जाएगी। अब तक जितने बच्चों को पहली डोज दी गई है, किसी में भी कोई नकारात्मक प्रभाव या साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है और यह सकारात्मक संदेश है। यह 18 साल से कम उम्र के बच्चों के ट्रायल का आखिरी ग्रुप है। एक महीने बाद इन्हें दूसरी डोज दी जाएगी और फिर जल्द ही नतीजे सामने होंगे। कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉक्टर एन के अरोड़ा की तरफ से यह बात कही गई है कि जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। अब जुलाई के आखिरी में या फिर अगस्त में हो सकता है कि इसे 12 से 18 साल के बच्चों को लगाया जाना शुरू किया जाए।
जल्द आवेदन कर सकती है कंपनी:- जानकारी के मुताबिक जायडस कैडिला अगले 7 से 10 दिनों में कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के इमरजेंसी इस्तेमाल को लेकर अप्लाई कर सकती है। देश में अभी तीन कोरोना टीकों को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, जिनमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक शामिल है। जानकारों के अनुसार तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा असर देखने को मिल सकता है। ऐसे में 12 से 18 साल के बच्चों को जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन लगने लगेगी तो इससे राहत मिलेगी।
इस वैक्सीन के लगेंगे तीन डोज:- यह वैक्सीन दुनियाभर की अन्य वैक्सीन्स से काफी अलग है। क्योंकि इस वैक्सीन की दो नहीं, बल्कि तीन डोजेस लगाए जाएंगे।
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छोटे बच्चों पर विशेष निगरानी रखने की जरूरत:- डॉक्टर्स का कहना है कि जिन बच्चों की उम्र ज्यादा छोटी है उनपर ज्यादा ध्यान देने की भी जरूरत है। दो साल के बच्चे को यदि वैक्सीन लगने के बाद कोई दिक्कत होती है तो बोलकर बता पाना या पैरंट्स को समझा पाना मुश्किल होता है। इसलिए इन बच्चों को किसी भी तरह की परेशानी होने पर पेरेंट्स को खुद समझना पड़ेगा और डॉक्टर से संपर्क करना होगा। अच्छी बात यह है कि बच्चों को शामिल करने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। ट्रायल के लिए अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
ट्रायल पूरा करने का है प्रेशर:- बता दें कि इस ट्रायल को जल्द पूरा करने का भी प्रेशर है क्योंकि अक्टूबर-नवंबर में तीसरी वेव आने का अनुमान लगाया जा रहा है। तब तक 18 साल से ऊपर के अधिकतर लोगों को वैक्सीन लग चुकी होगी और कई लोगों में नैचुरल इंफेक्शन से एंटीबॉडीज बन चुकी होंगी। ऐसे में केवल बच्चे ही बचेंगे और इन पर खतरा हो सकता है। इसे देखते हुए इस ट्रायल को जल्द से जल्द पूरा करके बच्चों की वैक्सीनेशन शुरू करने का प्लान बनाया जा रहा है।
कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन एन के अरोड़ा ने आगे तीसरी लहर पर भी बात की और उन्होंने कहा की ‘ICMR ने एक स्टडी की है, जिसमें दावा किया गया है कि तीसरी लहर थोड़ा लेट आएगी। इस बीच हमारे पास लोगों को टीका लगाने के लिए 6-8 महीनों का वक्त है। आने वाले दिनों में हमारा टारगेट रोजाना एक करोड़ कोरोना टीके लगाने का होगा।’
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