नैनीताल
राहतः उत्तराखंड में अब ऐसे घर बैठे दर्ज कराएं बयान, मोबाइल ई कोर्ट सेवा से मिलेगा न्याय…
नैनीतालः राज्य में कई मुकदमें सुनवाई के लिए अटके रह जाते है। लोगों को इंसाफ के लिए धक्के खाने पड़ते है। जिससे देखते हुए मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिये हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। हाईकोर्ट उत्तर भारत में पहली बार उत्तराखंड में मोबाइल ई कोर्ट की शुरुआत करने जा रहा है। जिसका लाभ राज्य के चार जिलों को मिलेगा। ये मोबाईल वैन ऐसे गवाह जो बुजुर्ग और बीमार हैं, न्यायालय तक नहीं आ सकते हैं, उनसे ई-कोर्ट मोबाइल वैन घर जाकर ही बयान लेगी। ताकि मामलों का त्वरित निराकरण हो सके।
बता दें कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान 15 अगस्त को इसका शुभारंभ करेंगे। पहले चरण में कुमाऊं के चम्पावत, पिथौरागढ़ व गढ़वाल के चमोली, उत्तरकाशी एवं टिहरी गढ़वाल में योजना की शुरुआत की जा रही है। यहां के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से लैस वैन रवाना की जाएगी। जिसके बाद दूसरे चरण में शेष आठ जिलों को भी जोड़ लिया जाएगा। इन अदालतों में महिला व बच्चों को गवाही दर्ज कराने में प्राथमिकता दी जाएगी। यह वैन जिला जजों के नियंत्रण में रहेगी। शुक्रवार को नैनीताल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धन्नजय चतुर्वेदी ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।
आपको बता दें कि ये सेवा तेलंगाना में शुरू की जा चुकी है। उत्तराखंड उत्तर भारत का ऐसा पहला और देश का दूसरा राज्य बन गया है, जहां ई-कोर्ट मोबाइल वैन सुविधा शुरू होने जा रही है। इस योजना से पीड़ितों को न्यायालय पहुंचने में होने वाली देरी से राहत मिल जाएगा। जिससे मामलों में जल्द न्याय मिलने की उम्मीदें बढ़ गई है।
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