रुद्रप्रयाग
मौसम: केदार घाटी के केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ धाम बर्फबारी से लकदक, जनजीवन अस्त-व्यस्त..
ऊखीमठ: केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों में विगत दो दिनों से हो रही बर्फबारी तथा निचले क्षेत्रों में मौसम के बार-बार करवट लेने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश होने से काश्तकारों की उम्मीदें जग गयी है। आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो सीमान्त गांवों सहित तुंगनाथ घाटी के यात्रा पडाव बर्फबारी से लदक होने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। बता दे की केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों में विगत दो दिनों से बर्फबारी होने से पवालीकांठा, केदारनाथ, वासुकी ताल, खाम मनणी, मदमहेश्वर, तुंगनाथ, विसुणीताल, पाण्डवसेरा, नन्दीकुण्ड बर्फबारी से लदक हो गये है निचले क्षेत्रों में मौसम के बार-बार करवट बदलने व बारिश होने से रूद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड नेशनल हाईवे गुप्तकाशी-सोनप्रयाग के मध्य कई स्थानों पर कीचड़ में तब्दील होने से हाईवे पर सफर करना जोखिम भरा हो गया है। हिमालयी क्षेत्रों में निरन्तर बर्फबारी होने से मन्दाकिनी सहित सहायक नदियों के जल स्तर पर वृद्धि देखने को मिल रही है। केदार घाटी के निचले क्षेत्रों में रुक-रुक कर हो रही बारिश से प्रकृति में नई ऊर्जा का संचार होने के साथ काश्तकारों के चेहरे पर रौनक लौटने लगी है। आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो त्रियुगीनारायण, तोषी, गौरीकुण्ड, चौमासी, जाल मल्ला, गौण्डार, रासी, गडगू गाँव सहित तुंगनाथ घाटी के यात्रा पडाव बर्फबारी से लदक हो सकते है। तुंगनाथ घाटी के व्यापारी दिनेश बजवाल का कहना है कि यदि आने वाले दिनों में तुंगनाथ घाटी के यात्रा पडाव बर्फबारी से लदक होते है तो तुंगनाथ घाटी के यात्रा पडावों पर रौनक लौटने के साथ ही स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में वृद्धि हो सकती है।
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