टिहरी गढ़वाल
बयान: उत्तराखंड झेल रहा भाजपा शासन काल में बेरोजगारी की मार: किशोर
टिहरी: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा है कि बेरोजगारी के कारण राज्य की स्थिति अत्यन्त चिन्ताजनक हो गयी है युवा खाली हाथ हैं और युवा पीढ़ी अवसादग्रस्त हो रही है।
COVID-19 के दौर में स्थिति बहुत गंभीर एवं चिंताजनक बन चुकी है। उपाध्याय ने कहा कि लॉकडाउन के बाद उन्होंने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया है और उन्होंने पाया कि आज अगर प्रदेश के तीन प्रमुख समस्याओं की बात की जाय तो पहले नम्बर पर बेरोजगारी है दूसरे नम्बर पर बेरोजगारी है और फिर तीसरे नम्बर पर भी बेरोजगारी ही है।
उन्होंने आगे कहा कि सेवायोजन कार्यालयों में 10 लाख से अधिक बेरोजगार पंजीकृत हैं। अधिक उम्र वाले बेरोजगार उससे अधिक हैं, लगभग 70% से अधिक उत्तराखंड की आबादी बेरोजगारी से ग्रस्त है। छः लाख से अधिक प्रवासी युवा बिना काम के घर में बैठे हैं, अवसाद के कारण 200 से अधिक युवा आत्महत्या भी कर चुके हैं।
किशोर ने आरोप लगाया कि सरकार कुंभकर्णी नींद में है, यदि मनरेगा स्कीम न होती तो स्थिति और भी भयावह होती। सरकार की रोजगार सम्बन्धी योजनायें हवा-हवाई हैं, धरातल पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। प्रदेशवासियों को वनों पर उनके पुश्तैनी हक-हकूक व अधिकारों की क्षतिपूर्ति दिये बिना बेरोजगारी की समस्या का समाधान सम्भव नहीं है।
यह भी कहा कि राज्य में सर्वाधिक रोजगार देने वाले क्षेत्रों जैसे ठेकेदारी, परिवहन और पर्यटन क्षेत्र की दुर्दशा है। ठेकों में भयंकर भ्रष्टाचार व्याप्त है और परिवहन व पर्यटन क्षेत्र को ऋण दाता बैंकों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। उपाध्याय ने कहा कि वनाधिकार आन्दोलन के पाँचवें चरण का आरम्भ खटीमा से दिसम्बर के दूसरे सप्ताह से किया जायेगा। ज्ञान्तव्य है कि राज्य प्राप्ति के लिये पहली शहादत खटीमा में हुई थी।
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