टिहरी गढ़वाल
Tehri News: घनसाली में इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर जनता, भीमलाल आर्य ने CM को लिखा पत्र…
टिहरी का घनसाली क्षेत्र डॉक्टर की कमी से जूझ रहा है।यहां अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है। लाखों की आबादी इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। ऐसे में आम जन में शासन-प्रशासन के विरुद्ध गुस्सा है। ऐसे में अब चिकित्सकों की लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर में डाक्टरो व अन्य स्टाफ की तैनाती की मांग को जनता अनशन कर रही है। शनिवार को भारी बारिश के बीच भी ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन जारी रहा। तो वहीं पूर्व विधायक भीम लाल आर्य ने सीएम को चिकित्सकों की नियुक्ति के सम्बन्ध में पत्र लिखा है।
टिहरी घनसाली के कर्मठ एवं सक्रिय नेता पूर्व विधायक भीम लाल आर्य ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व सीएम के प्रमुख सचिव आर०के० सुधांशु से मुलाकात कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-बेलेश्वर व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र-पिलखी में अविलम्ब हो चिकित्सकों की नियुक्ति और समुचित आधुनिक चिकित्सा सुविधा तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित बेलेश्वर व पिलखी अस्पताल को बनाने और अत्याधुनिक स्वास्थ्य केन्द्र की मांग की। उन्होंने मुख्य सचिव के द्वारा सीएम को ज्ञापन भेज सचिव, स्वास्थ्य को शीघ्र कार्यवाही के निर्देश देने की बात कही।
सीएम को पत्र लिखकर कहा है कि चार धाम यात्रा, तीर्थाटन, पर्यटन, सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण, दैवीय आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील, विश्व प्रसिद्ध टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित सीमान्त विधान सभा क्षेत्र -घनसाली (टिहरी गढ़वाल) के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र – बेलेश्वर, व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र-पिलखी चिकित्सक विहीन है, स्वास्थ्य व्यवस्था पूर्णतः बदहाल है, सीमान्त विधानसभा क्षेत्र घनसाली में स्वास्थ्य सुविधा दम तोड़ चुकी है। उक्त दोनों अस्पताल लगभग 2-3 लाख आबादी में प्रतापनगर, देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग की सीमाओं से आच्छादित अस्पताल है। उक्त अस्पताल में चिकित्सक न होने के कारण जनता स्वास्थ्य सुविधा हेतु दर-दर भटक रही है। ऐसे में यहां डॉक्टरों की भर्ती की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि मैं विगत 15-16 वर्षों से उक्त अस्पतालों को व्यापक जनहित में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं, परीक्षण तथा विशेषज्ञों चिकित्सकों की नियुक्ति सहित उच्च आधुनिक स्वास्थ्य केन्द्र की मांग लगातार भारत सरकार तथा राज्य सरकार से करता आ रहा हूं। लेकिन सरकारी स्तर पर अनदेखी से स्तब्ध है। जनता जनान्दोलन कर रही है। पिलखी क्षेत्र के लोगों ने अथक प्रयास व अपनी 25 नाली कृषि भूमि दान देकर अस्पताल का निर्माण करवाया था। लेकिन उसका क्षेत्र के लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
डाक्टरों के अभाव में प्रसूति करने के लिए महिलाओ को देहरादून व श्रीनगर दूर जाना पड़ता है, जिस कारण रास्ते में ही कई गर्भवती महिलाओं की मौत हो जाती है। कई बार आंदोलन करने के बावजूद सरकार अस्पताल में डॉक्टरों अन्य टेक्निकल स्टॉफ की नियुक्ति नही कर पाई। जिस कारण उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है। ग्रामीणों ने शीघ्र मांगों पर कार्यवाही न होने पर आंदोलन को व्यापक रूप देते हुए भूख हड़ताल की चेतावनी दी हैं।
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