टिहरी गढ़वाल
Tehri News: बूढ़ाकेदार के सुरेश भाई को मिला पर्यावरण विभूषण पुरस्कार, आप भी दें बधाई…
Tehri News: दिल्ली में 15-16 अक्टूबर को हुए तृतीय वर्ल्ड एनवायरमेंट सम्मिट-2022 में सुरेश भाई को पर्यावरण विभूषण पुरस्कार से नवाजा गया है। 2 दिनों तक चले इस एनवायरमेंट समिट में सुरेश भाई को इमिनेंट वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। जिसमें देश-विदेश के लोगों ने भाग लिया है । इसका आयोजन एनवायरमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन के द्वारा किया गया।
जिसमें डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज,जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, सीएसआइआर नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, दिल्ली विश्वविद्यालय, अमेटी विश्वविद्यालय हरियाणा ,जीडी गोयंका विश्वविद्यालय गुड़गांव, जीआरसी इंडिया समेत मालदीव, काठमांडू और बांग्लादेश के विश्वविद्यालय के सहयोग से इस वर्ल्ड सम्मिट में वैज्ञानिकों, शोधार्थियों, प्रोफेसर ,एक्टिविस्ट, पर्यावरणविदों ने भाग लिया। इसमें युवा वैज्ञानिक के द्वारा जलवायु परिवर्तन के विषय पर शोध कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया ।
देश के अलग-अलग हिस्सों में पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविदों के द्वारा अपने क्षेत्र के अनुभवों को साझा किया गया है। इस अवसर पर सुरेश भाई ने हिमालय पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के विषय पर महत्वपूर्ण चर्चा की है। यहां पर उन्होंने गंगोत्री के पर्यावरण के विषय पर सबका ध्यान आकर्षित कराया और यहां पर लाखों देवदार के पेड़ों को भविष्य में काटने के संबंध में सबको जानकारी दी।निवेदन किया कि यदि हिमालय में जलवायु संकट रोकना है तो वनो के दोहन पर रोक लगाना होगा। क्योंकि हिमालय पर अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा 4 गुना अधिक जलवायु परिवर्तन का प्रभाव पड़ रहा है।
इसका उदाहरण है कि तेजी से बदल रही जलवायु के कारण हिमस्खलन की संभावनाएं बढ़ती नजर आ रही है। जिसके कारण पर्वतारोहण जैसे काम भी जोखिमपूर्ण स्थिति में किए जा रहे हैं ।हिमालय का जल ,जंगल और जमीन लोगों के अधिकार में होना चाहिए। खासकर हिमालयी राज्यों में ऐसा भू-कानून बने कि वहां की जमीन को बचाया जा सके और लोग हिमालय में रह सके । समय रहते यदि ऐसा नहीं किया गया तो हिमालय के लोग जलवायु शरणार्थी बन सकते हैं ।इसके लिए अलग हिमालय नीति की मांग भी उठाई गई है।
सुरेश भाई को यह पुरस्कार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व पद्मश्री एसके शोपोर, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के उपकुलपति डॉ एसके सिंह, ढाका यूनिवर्सिटी के भूगर्भ विज्ञानी प्रोफेसर हमीदा खानम, वन पर्यावरण जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव सुजीत कुमार बाजपेई ,डॉ इब्राहिम लतीफ डीन सेंटर फॉर पोस्टग्रेजुएट स्टडीज, प्रोफेसर आरएन दुबे प्राचार्य डॉक्टर अंबेडकर कॉलेज नई दिल्ली और ईएसडीए के महासचिव डॉ जितेंद्र नागर जी के हाथों मिला है।
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