टिहरी गढ़वाल
टिहरी: चारधाम का सफर होगा आसान, अब 255 किमी की जगह 60 किमी में ही तय हो जाएगा रास्ता…
टिहरी: वर्षो से चली आ रही सड़क की मांग अब पूरी होने वाली है। चारधाम यात्रा को सुगम और सरल बनाने की मुहिम शुरू हो गई है। अब 255 किलोमीटर की दूरी तय करने के बजाए 60 किलोमीटर की दूरी ही तय करनी होंगी। केंद्र सरकार के निर्देश पर उत्तराखंड सरकार ने लोनिवि ने पौराणिक पैदल यात्रा का मुख्य मार्ग रहे भटवाड़ी ( बेलक ) झाला – बूढ़ाकेदार विनय खाल हट कुणी घुत्तू पंवालीकांठा त्रियुगीनारायण तक सड़क निर्माण की डीपीआर भेजने के निर्देश दिए हैं । लोनिवि की ओर से तैयार की जा रही डीपीआर को यदि केंद्र सरकार स्वीकृति दे देती है तो चारधाम आने वाले यात्रियों को मिलों का सफर नही करना पड़ेगा। यात्री करीब 60 किमी की दूरी कम तय करनी पड़ेगी ।
बता दें कि सन 2014 में पूर्व विधायक भीम लाल आर्य के द्वारा सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण एवं चार धाम यात्रा के लिए सरल एवं सुगम बनाने के लिए लाटा बेलक भटवाडी त्रिजुगी नारायण मोटर मार्ग के लिए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, प्रधानमंत्री भारत सरकार एवं राष्ट्रपति भारत सरकार को अवगत करवाया गया था साथ ही इसमें विधानसभा में भी प्रमुखता से उठाया गया था। जिसे बनाने की कवायद तेज हो गई है। सरकार ने केंद्र सरकार की पहल पर इस पौराणिक पैदल यात्रा मार्ग पर सड़क निर्माण की तैयारियां शुरू कर दी है । सरकार ने लोनिवि को छह लाख की धनराशि देते हुए पैदल यात्रा मार्ग का सर्वेक्षण कर इस पर होने वाले खर्च की डीपीआर भेजने के निर्देश दिए हैं । लोनिवि घनसाली ने भी 95 किमी लंबे मोटर मार्ग का सर्वे करने के लिए एक प्राइवेट एजेंसी को काम दिया है । एजेंसी ने भी बेलक से झाला तक का सर्वे पूरा कर दिया है जबकि अवशेष का कार्य चल रहा है । एजेंसी को छह माह में सर्वे कार्य पूरा करके लोनिवि को देना है ।
गौरतलब है कि यात्रा के लिए जब सड़क नहीं थी , तो भटवाड़ी ( बेलक ) झाला बूढ़ाके दार विनय खाल हटकुणी घुत्तू पंवालीकांठा त्रियुगीनारायण से केदारनाथ , बदरीनाथ , गंगोत्री यमुनोत्री से पैदल यात्रा करते थे । इसके लिए यात्रियों को कई दिनों का पैदल सफर करना पड़ता था वर्तमान में यात्रियों को केदारनाथ जाने के लिए भटवाड़ी से सोनप्रयाग जाने के लिए सड़क मार्ग से करीब 255 किमी की यात्रा तय करनी पड़ है , लेकिन यदि पैदल मार्ग को सड़क में तब्दील किया जाएगा तो यात्रियों को करीब 60 किमी की कम दूरी तय करनी पड़ेंगी ।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें