टिहरी गढ़वाल
टिहरी: बहुप्रतिक्षित डोबरा-चांठी पुल जनता को समर्पित, क्षेत्र में खुशी का माहौल
टिहरी गढ़वाल: राज्य स्थापना दिवस के मौके पर प्रतापनगर क्षेत्रवासियों को बड़ी बेशकीमती सौगात मिली है जिससे क्षेत्र में खुशी का माहौल है।
कई सालों के इंतजार के बाद सस्पेंशन ब्रिज डोबरा-चांठी का प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को उद्घाटन किया। पुल का निर्माण शुरू होते ही काफी वाद-विवादों के बीच घिरा रहा पर क्षेत्र की जनता ने इस पुल को लेकर संघर्ष करते रहे। आखिरकार 15 साल के लंबे संघर्ष के बाद लाखों की आबादी का सपना पूरा हो चुका है।
प्रतापनगर क्षेत्र की जनता के संघर्षों से बना देश का सबसे लंबा पुल वहां के निवासियों के लिए किसी सपने के पूरा होने से कम नहीं है। टिहरी डैम बनने के बाद से क्षेत्र के निवासियों को 50 से 60 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती थी। इस पुल के बाद अब वह दूरी चंद मिनटों की बन चुकी है।
2005 में टिहरी बांध की झील बनने के साथ ही प्रतापनगर के साथ सैकड़ों गांव के आवागमन के रास्ते बंद हो गए थे। जब चंद मिनटों की दूरी घण्टों में तब्दील हो गई तो क्षेत्र की जनता ने इस पुल के निर्माण के लिए अपनी आवाज बुलंद की।
क्षेत्र की प्रभावित जनता ने देहरादून में कांग्रेस मुख्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करना शुरू किया। जनता ने लगातार जन प्रतिनिधियों के ऊपर दबाव बनाया जिसके बाद उस वक़्त गद्दी पर काबिज सीएम नारायण दत्त तिवारी ने पुल के निर्माण की स्वीकृति दी।
यह पुल महज आवजाही का जरिया नहीं है, बल्कि क्षेत्र की जनता की एकता का सशक्त उदाहरण है कि जनता के पास अपार शक्ति है। क्षेत्रवासियों के लिए यह दिन किसी त्यौहार से कम नहीं है। एक बेशकीमती सौगात टिहरी समेत समस्त प्रदेश के निवासियों के हिस्से में आई है।
टिहरी झील के ऊपर करीब 300 करोड़ की लागत से बने 725 मीटर लंबे डोबरा-चांठी पुल का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस और दीपावली का प्रतापनगर की जनता को यह सबसे बड़ा तोहफा है। इस पुल से टिहरी और उत्तराखंड के विकास का बड़ा द्वार खुल गया है।
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