टिहरी गढ़वाल
एक्सक्लूसिव: टिहरी चम्बा में मंदिर बना मदिरालय, आस्था पर आघात…
टिहरी गढ़वाल: आबकारी विभाग के अधिकारी नियम कानून को ताक पर रख सरकारी खजाना भरने में लगे हैं। फिर चाहे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों या बच्चों और युवकों के मन पर विपरीत असर पड़े। विभाग के अधिकारियों को न तो मंदिर की परवाह है और न ही मंदिर पर आने वालों भक्तों की। अधिकारियों से सांठगांठ कर ठेका लेने वालों ने जहां चाहें वहीं शराब बेचना शुरू कर देते हैं। वहीं विभागीय और जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। सरकार ने किसी भी धार्मिक स्थान व शिक्षा संस्थान के दायरे में किसी भी प्रकार का नशा बेचने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई है। लेकिन चम्बा बाजार में जहां कानून का उल्लंघन हो रहा है। वहीं चम्बा बाजार में ऊपर भगवान का मकान है तो वहीं नीचे शराब की दुकान।
खुलेआम सरकारी आदेशों की हो रही अवमानना पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। प्रशासन को लोगों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने व सरकारी आदेशों की अवमानना करते शराब के ठेकों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। जहां भी नियमों के विरुद्ध शराब के ठेके खुले हैं, उन्हें तुरंत बंद करवाना चाहिए। आपको बता दें कि टिहरी जिले के नगर पालिका क्षेत्र चम्बा में मंदिर को मदिरालय बना दिया। सोशल मीडिया में ये खबर तेजी से वायरल हो रही है लोगों ने आन्दोलन तक कि चुनौती दे दी है। मंदिर में शराब का ठेका खुलने से आस्था आघात हुई है। आगे भी यह शराब का ठेका लोगों को परेशानी का सबब बन सकता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस खबर से लोगों में भारी रोष है। लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द यहां से शराब की दुकान को हटा दिया जाए।
ये हैं शराब की दुकान खोलने के नियम:-
आबकारी नियम के तहत धार्मिक स्थल, स्कूल, लाइब्रेरी, मंदिर, हॉस्पिटल से कम से कम 50 मीटर की दूरी पर बार, शराब, बीयर की दुकान खोली जा सकती है। पहले यह दूरी उपरोक्त स्थानों से 100 मीटर थी।
मंदिर को किया दरकिनार:-
लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होतीं हैं तो हो जाएं लेकिन शराब कारोबारियों ने विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ कर मंदिर के नीचे शराब की दुकान खोल दी।
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