टिहरी गढ़वाल
गौरव: जब हजारों की ऊंचाई पर लहरा तिरंगा, क्या महसूस किया युवाओं ने, कंहा और क्यों
टिहरी। सागर सुनार। वैसे तो स्वतंत्रता दिवस को हर देश वासी अपने अंदाज में मनाता आया है। लेकिन टिहरी के बूढाकेदार के युवाओं ने इस स्वतंत्रता दिवस पर एक मिशाल पेश की है।
प्रत्येक वर्ष भारत में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाया जाता है। भारतीयों के लिये यह दिन किसी त्योहार से कम नहीं होता क्यों की वर्षों की गुलामी के बाद ब्रिटिश शासन से, 15 अग्स्त 1947 में भारत को आजादी मिली थी।
लेकिन इस बार के 15 अगस्त को बूढाकेदार के युवाओं ने कुछ खास बना दिया, थाती बूढाकेदार के कुछ युवाओं के दल द्वारा सहस्रताल में झण्डा फहराने की इच्छाशक्ति ने लगभग 14 युवाओं का दल समुद्रतल से लगभग 15000 फीट की ऊंचाई पर चल पडा स्वतंत्रता दिवस को झण्डा फहराने
सहस्रताल के इस ट्रेक पर 12 तारीक को निकला दल 15 तारीख की सुबह सहस्रताल पहुंचा जहां उन्होने झण्डा रोहण कर राष्ट्रगान गा कर इस साल के स्वतंत्रता दिवस को यादगार बना दिया
कोविड-19 के चलते सभी युवा गॉव में आ रखे है जिस वजह से युवाओं मे इस बार देश के प्रति प्रेम को जाहिर करने का अनोखा विचार आया तो सर्वसम्मति से युवाओं ने देश के झण्डे को क्षेत्र के सबसे ऊंचे पीक सहस्रताल (15000 फीट) पर फहराने की ठानी और निकल पड़े 6 दिन के ट्रेक पर
सभी युवा 15 अगस्त को सहस्रताल पर मना कर सकुशल घर लौट गये है जिनमे हरियोम रावल, सन्दीप रावत, अंकुर रावत, शैलेन्द्र नेगी, धनन्जय राणा,गणपत राणा,राजीव राणा आदि युवा थे
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