उत्तराखंड
सावधान: अगर ऐसा कर लिया तो बच सकते हैं तीसरी लहर से, पढ़िए जरूर…
देहरादून: कोरोना की तीसरी लहर का खतरा अभी भी जारी है ज़रा सी लापरवाही बड़े खतरे को दावत देने जैसा है। उत्तराखंड में कोरोना का खतरा कम जरूर हुआ है, लेकिन टला नहीं है। क्योंकि संक्रमितों की संख्या कम होने के बावजूद नए मामलों में निरंतरता बनी हुई है। राज्य में बीते 24 घंटे में 15 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। जबकि 24 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। सक्रिय मामलों की संख्या भी घटकर 333 पहुंच गई है। अगर सावधानी बरती गई तो राज्य में तीसरी लहर का प्रकोप नहीं देखने मिलेगा।
बता दें कि विशेषज्ञ डॉक्टरो ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि लोगों ने सावधानी नहीं बरती तो भारत में तीसरी लहर आ सकती है, जो दूसरी लहर जितनी ही खतरनाक होगी। ऐसे में कोविड संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए बहुत एहतियात बरतने के लिए कहा है। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, शुक्रवार को 15990 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून और पिथौरागढ़ में छह-छह, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी में एक- एक संक्रमित मरीज मिला है। वहीं सात जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और टिहरी में एक भी संक्रमित नहीं मिला है। राज्य में तेजी से टीकाकरण अभियान भी चलाया जा रहा है।
उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां दो जिलों व एक ब्लॉक में संपूर्ण वैक्सीनेशन किया जा चुका है। पूरे राज्य में 75 फीसदी लोगों ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली है। हालांकि कोविड-19 टीके की एक नहीं बल्कि दोनों डोज लेना जरूरी है लेकिन उत्तरकाशी जिले में दूसरी डोज लेने वालों की संख्या बेहद कम है। स्थिति यह है कि वर्तमान समय में 15 हजार लोग दूसरे टीके के लिए निर्धारित समयावधि पूरी कर चुके हैं लेकिन टीका केवल डेढ़ हजार लोगों को ही लग पाया है। जो चिंताजनक भी है। कोरोना को हराने के लिए सावधानी टीकाकरण दोनों ज़रूरी है। यदि लापरवाही की गई तो दूसरी लहर से ज़्यादा तीसरी लहर में नुकसान उठाना पड़ेगा।
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