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खुशखबरीः टोक्यो ओलंपिक में नीरज चौपड़ा ने रचा इतिहास, भारत के लिए आया पहला गोल्ड मेडल…
दिल्लीः टोक्यो ओलंपिक से भारत के लिए खुशखबरी आई है। भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचते हुए पहली बार भारत को भाला फेंक मुकाबले में गोल्ड मेडल दिलाया है। उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से फाइनल मुकाबला जीत लिया है। नीरज ने शनिवार को 87.58 मीटर का थ्रो फेंकते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया और इसी के साथ वह भारत को एथलेटिक्स में पहला ओलिंपिक पदक दिलाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। उनकी जीत से देश में खुशी का माहौल है।
बता दें कि टोक्यो में भारत का 7वां मेडल है। इसके साथ ही भारत ने अपने लंदन ओलिंपिक-2012 के बेस्ट प्रदर्शन 6 मेडल को पीछे छोड़ दिया। अब तक टोक्यो ओलंपिक में भारत को एक गोल्ड, 2 सिल्वर, 4 ब्रॉन्ज समेत कुल 7 मेडल मिले है। ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत को 13 साल बाद दूसरा गोल्ड मिला। बीजिंग ओलंपिक 2008 में पहली बार स्वर्ण पदक जीतने का कारनामा दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा ने किया था। नीरज ने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका, जबकि दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर रहा। इसके साथ ही उनका गोल्ड मेडल लगभग पक्का हो गया था, क्योंकि वह दोनों ही राउंड में टॉप पर रहे थे। उन्होंने तीसरे प्रयास में 76.79 मीटर थ्रो किया। दूसरे नंबर पर जर्मन ऐथलीट और गोल्ड मेडल के दावेदार माने जा रहे वी. जकूब ने इस दौरान दूसरा और तीसरा प्रयास फाउल किया और आखिरी प्रयास तक 86.67 मीटर ही भाला फेंक सके।
नीरज चोपड़ा रोर (क्षत्रिय) समुदाय से हैं। वह हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव से हैं। उनकी शिक्षा डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ से हुई। 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद के साथ भारतीय सेना में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी नियुक्त किया गया था। नीरज ने क्वालीफिकेशन में अपने पहले ही अटेंप्ट में शानदार प्रदर्शन किया था।उन्होंने पहले अटेंप्ट में 86.65 मीटर की दूरी का थ्रो फेंका था और फाइनल में जगह बनाई थी। 12 खिलाड़ी फाइनल में पहुंचे थे जिनमें से नीरज का नंबर पहला था और शनिवार को फाइनल में भी वह शानदार प्रदर्शन कर इतिहास रचने में सफल रहे। उनकी जीत ने देश को गौरवान्वित किया है। हर और खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है।
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