टिहरी गढ़वाल
पर्यटन: स्विजरलैंड से कम नहीं बूढ़ाकेदार का सहस्रताल क्यारखी बुग्याल क्षेत्र, घोषणा के बाद भी सवारने को मोहताज
टिहरी गढ़वाल: टिहरी पर्यटन और सैर सपाटा में टिहरी के सीमांत क्षेत्र में बसा बूढ़ाकेदार सहस्त्रताल क्यारखी बुग्याल क्षेत्र स्विजरलैंड से कम नहीं है।
लेकिन सरकार के अनदेखी के चलते यहां बूढ़ाकेदार पर्यटन क्षेत्र सिर्फ घोषणाओं तक ही सीमित रह गया है आपको बता दें अगर यहां क्षेत्र पर्यटन के नक्शे पर आ जाता है
तो उत्तराखंड का मान और बेरोजगारों को रोजगार मिलने की अपार संभावनाएं हैं। क्षेत्रीय निवासी प्यार सिंह बताते हैं कि वर्ष 2017 में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बूढ़ाकेदार को पांचवा धाम बनाने का आश्वासन दिया था।
लेकिन अभी तक यह बात धरातल पर उतरी नहीं दिखाई दे रही है कहा कि अगर यह स्थान पर्यटन नक्शे पर आ जाता है, तो कई लोगों के लिए रोजगार का साधन बनने के साथ-साथ यहां सरकार को अच्छा राजस्व प्राप्त हो सकता है।
बूढ़ाकेदार क्षेत्र के सीमांत गांव को बेस कैंप की तर्ज पर विकसित किया जा सकता है, जिसे पलायन रुकना स्वाभाविक बन जाएगा पशुपालन व कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा वह प्रवासियों के लिए जो सरकार ने योजना तैयार की है।
योजना में हो रहे निवेश से क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से घनसाली विधानसभा विधायक शक्ति लाल जी से प्रार्थना करता हूं कि सीमांत क्षेत्रों की समस्या को संज्ञान में लेते हुए सरकार का गौरव बढ़ाएं।
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